ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली में वैवाहिक स्तिथि- जिनकी कुंडली के पंचम घर में सूर्य बुध गुरु का शुभ योग बना होता वह बहुत ही अच्छा दांपत्य राजयोग माना जाता है। सूर्य बुध का बुधादित्य योग- कुंडली के शुक्र घर में स्थित है और शुक्र (सुख) बुध घर में स्थित है उसे राशि परिवर्तन योग कहते है। ऐसे लोग अपनी इच्छानुसार जीवन साथी का चयन करते हैं। कुंडली का सप्तम घर पूर्णत पत्नी का घर कहलाता है। उस घर का स्वामी गुरु जो लग्नेश के स्वामी के साथ स्थित हैं। बहुत ही अच्छा योग जो कि आने वाले जीवन साथी भी एक सुख स्मृद्धि का योग लिए होता है और किसी न किसी पद या फिर उसके जीवन कोई एक उच्च विशेषता भी होती है।
अगर कुंडली के अष्टम घर का शनि अपने घर में स्थित है तो वह भाग्यशाली होता है। वैवाहिक जीवन में चन्द्रकुण्डली का भी बड़ा महत्व है। अगर चन्द्रकुण्डली से सप्तम घर में मंगल है तो वह मांगलिक हो सकता है। अगर किसी के जीवन में बार-बार दाम्पत्य जीवन का सुख नहीं मिल पाता उसमें मुख्य भूमिका राहु में सूर्य की दशा होती जिस कारण विवाह होने में बार-बार बाधाएं उत्पन्न होते रहती है।
अगर आप चाहते हैं कि शीघ्र विवाह के योग बनें तो नीचे दिए उपाय जरूर करें।
1- प्रतिदिन भगवान शिव की आराधना करें, गाय के दुध से शिवलिंग का अभिषेक नमः शिवाय का उच्चारण करते हुए करें।
2- हर रोज तेल से चुपड़ी रोटी कुत्ते को अपने हाथों से खिलावें।
3- परिवार के बुजुगों का सम्मान करें, हर दिन उनके पैर छूकर आशीर्वाद लें।
5- माँ त्रिपुर सुंदरी के बीज मंत्र का जप सुबह-शाम 108 हर रोज करें।
6- गाय को अपने हाथों से हरा चारा या घर की बनी एक रोटी में थोड़ा सा गुड़ व चने की दाल मिलाकर खिलावें।
उपरोक्त उपायों को करने के बाद शीघ्र ही विवाह के योग बनने लगते हैं।
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