देवशयनी एकादशी : चौमासे का आरंभ, 12 जुलाई से नहीं होंगे शुभ मांगलिक कार्य
1- गुरुवार के दिन श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर या फिर अपने घर में ही इस मंत्र का एक हजार बार मोती की माला से जप करें। जप के बाद सफदे या लाल गाय को गुड़ मिलाकर रोटी जरूर खिलावें।
मंत्र- ।। ऊँ बृं बृहस्पते नमः ।।
2- गुरुवारे के दिन शाम को गोधूली बेला में गाय को आटे की लोई में कच्ची चने की दाल रखकर खिलाकर परिक्रमा करने से मनवांछित इच्छा पूरी होती है।
3- हर गुरुवार को शिवमंदिर में जाकर भगवान शंकर को बेसन के लड्डूओं का भोग लगाएं।
4- गुरुवार को दिनभर उपवास रखकर पीले कपड़े पहने एवं शाम को किसी गरीब कन्या को पीली रूमाल भेट करें। जींदगी पर पैसों की कमी नहीं रहेगी।
इसे भी पढ़ें : इस एक मंत्र के उच्चारण से पूरे परिवार की दरिद्रता हो जायेगी दूर
5- गुरुवार के दिन उपवास में बिना नमक का भोजन ही करें। अगर फल ले तो पीले ही हो, जैसे केले या आम आदि।
6- शाम को सूर्यास्त के बाद भगवान विष्णु की पूजा करने के साथ पीपल के वृक्ष के नीचे विष्णुजी के निमित्त 5 दीपक जलाकर श्री विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ वहीं बैठकर करें।
7- गुरुवार के दिन सुबह एवं शाम को दोनों समय की पूजा के बाद अपने माथे पर केसर या हल्दी का पीला तिलक लगाएं।
8- गुरुवार के दिन केले के पेड़ के नीचे आटे से बना दीपक गाय के घी का जलाने से लक्ष्मी जी सदैव आपके घर में निवास करने लगेगी।
***********