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धर्म-कर्म

पूजा में जरूरी हैं ये चीजें, कभी नहीं होतीं एक्सपायरी

बासी जल, पत्‍ते, फूल और बासी फलों का प्रयोग पूर्ण रूप से वर्जित…

Apr 15, 2020 / 03:19 pm

दीपेश तिवारी

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सनातन धर्म में पूजा का एक खास महत्व है, माना जाता है ऐसा करके भगवान को प्रसन्न किया जाता है। वहींं इस पूजा-पाठ के दौरान कई चीजों का उपयोग किया जाता है। पूजा-पाठ के दौरान उपयोग में लाई जाने वाली कई वस्‍तुएं, जहां एक बार उपयोग में आने के बाद या तो पुन: पूजा में उपयोग में नहीं लाईं जाती है, वहीं कुछ चीजें पूरानी हो जाने के चलते उपयोग में नहीं लाई जातीं हैं।

पंडित सुनील शर्मा के अनुसार पुरानी या बासी हो जाने वाली चीजों में जल, पत्‍ते, फूल और बासी फलों का प्रयोग पूर्ण रूप से वर्जित माना गया है। लेकिन वहीं कुछ वस्‍तुएं ऐसी भी हैं जिनका प्रयोग कभी भी किया जा सकता है। इन्‍हें धर्म शास्‍त्र ने भी मान्‍यता दी है।

Gangajal
जानिये पूजा में उपयोग में आने वाली वे चीजें, जो कभी नहीं होती एक्सपायरी…

1. जल जो कभी नहीं होता पुराना/बासी
धर्म शास्‍त्रों के मुताबिक पूजा में कभी भी पुराने या बासी जल का प्रयोग नहीं करना चाहिए, लेकिन गंगाजल का प्रयोग कभी भी किया जा सकता है। यह कभी भी पुराना/बासी नहीं होता। स्‍कंदपुराण में भी इस बात का उल्‍लेख है। इसके अलावा वायुपुराण के अनुसार भी गंगाजल भले ही सालों पुराना हो, लेकिन वह कभी भी खराब नहीं होता।
2. पत्‍ती जो नहीं होती पुरानी/बासी
शिव को अत्‍यंत प्रिय बेलपत्र भी कभी बासी नहीं माना जाता। ऐसे में पूजा में इसका प्रयोग कभी भी किया जा सकता है। धर्म शास्‍त्रों के अनुसार बेलपत्र को एक बार श‍िवलिंग पर चढ़ाने के बाद धोकर दोबारा भोले नाथ को अर्पित किया जा सकता है। मंदिरों और घरों में शिवजी को चढ़ने वाले इस बेलपत्र का प्रयोग औषधि रूप में भी किया जाता है। आयुष विज्ञान में इसे स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी कई परेशानियों में प्रयोग किया जाता है।
Tulsi amd bailpatra
3. ये पत्ते भी नहीं होते पुराने/बासी
धर्म शास्‍त्र के अनुसार बेलपत्र और गंगाजल की ही तरह तुलसी के पत्‍ते भी कभी बासी नहीं होते। पूजा के लिए अगर तुलसी के नए पत्‍ते न मिले तो आप पुराने चढ़े हुए तुलसी के पत्‍ते भी चढ़ा सकते हैं। लेकिन जब आप इसे मंदिर से उतारें तो सीधे बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। परंतु यदि ऐसा कोई साधन न हो तो आप इसे किसी भी गमले या फिर क्‍यारी में डाल सकते हैं। लेकिन ध्‍यान रखें जहां भी आप तुलसी का पत्‍ता डाल रहे हों वहां बिल्‍कुल भी गंदगी न हो।
lotus
4. फूल जो नहीं होता पुराना/बासी
पूजा-पाठ में फूलों का व‍िशेष महत्‍व होता है। कहा जाता है कि देवी-देवताओं को फूल चढ़ाने से पापों का नाश होता है। साथ ही शुभ फलों की प्राप्ति होती है, लेकिन पूजा में बासी फूल चढ़ाना वर्जित माना गया है। वहीं धर्म शास्‍त्रों के अनुसार कमल एक ऐसा फूल है, जो कि पुराना/बासी नहीं माना जाता है।
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मान्‍यता है कि इस पुष्‍प को एक बार चढ़ाने के बाद भी आप पुन: चढ़ा सकते हैं। हालांकि इसकी बासी होने की पांच द‍िनों की अवधि बताई गई है। यानी कि एक बार प्रयोग करने के बाद इसे पांच द‍िनों तक न‍ियमित रूप से धोकर पूजा में प्रयोग किया जा सकता है।

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