ॐ क्रीं क्रीं क्रीं हूँ हूँ ह्रीं ह्रीं दक्षिणे कालिका क्रीं क्रीं क्रीं हूँ हूँ ह्रीं ह्रीं स्वाहा। काली मंत्र से लाभः काली पहली महाविद्या मानी जाती हैं। इनके इस मंत्र के जाप से स्वयं में परिवर्तन आता है, मन से बुरी प्रवत्तियां निकल जाती हैं और समय की महत्ता का ज्ञान होता है।
ॐ ह्रीं स्त्रीं हुं फट्। तारा बीज मंत्र लाभ : इस महाविद्या की कृपा से मन में मातृत्व भाव जागृत होता है। इस तारा मंत्र जाप से प्रसन्न होकर माता तारा भक्त को हर संकट से दूर करती हैं। इससे आर्थिक उन्नति का आशीर्वाद तो मिलता ही है, मोक्ष की भी प्राप्ति होती है।
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं त्रिपुर सुंदरीयै नमः।। त्रिपुर सुंदरी बीज मंत्र लाभः माता त्रिपुर सुंदरी की कृपा से भक्त को सुंदर रूप की प्राप्ति होती है, वैवाहिक जीवन का सुखमय रहता है। जबकि जो व्यक्ति जीवनसाथी की तलाश कर रहे हैं, उनकी यह इच्छा पूरी होती है। ऐसे लोगों का मन पर नियंत्रण रहता है। आत्मिक शांति प्राप्त होती है।
ह्नीं भुवनेश्वरीयै ह्नीं नम:।। भुवनेश्वरी बीज मंत्र लाभ (Bhuvaneshwari Mantra): माता भुवनेश्वरी की कृपा से निःसंतान दंपती की संतान प्राप्ति की कामना का पूरी होती है। इससे आत्मिक ज्ञान की प्राप्ति भी होती है। इसके अलावा भक्त माता की कृपा से सदैव खुद को ऊर्जावान महसूस करता है। साथ ही माता के आशीर्वाद से हर लक्ष्य को पूरा करने की शक्ति प्राप्त होती है।
ॐ ह्रीं भैरवी कलौं ह्रीं स्वाहा।
भैरवी बीज मंत्र लाभ (Tripura Bhairavi Beej Mantra Ke Labh): माता भैरवी की पूजा से बुरी आत्माओं, प्रवत्तियों और शक्तियों के प्रभाव से मुक्ति मिलती है। मां भैरवी के मंत्र जपने वाले का डर खत्म होता है, उसे अभय मिलता है। इसके अलावा वैवाहिक और प्रेम जीवन सुखमय बनता है। शत्रुओं से मुक्ति मिलती है।
ॐ ह्रीं अष्ट महालक्ष्म्यै नमः।। कमला बीज मंत्र लाभ (Kamala Beej Mantra Ke Labh): महालक्ष्मी स्वरूपा कमला के आशीर्वाद से भक्त की आर्थिक स्थिति में सुधार होता है, उसकी व्यापार और नौकरी में उन्नति मिलती है। साथ ही सभी इच्छाएं पूरी होती है। कमला मंत्र जपने से सुख और वैभव बढ़ता है।