विष्णुजी ने शिवजी पर सुदर्शन चक्र से किया प्रहार (Vishanuji Ne Shivji Par Sudarshan Chakra Se Kiya Prahar)
धार्मिक कथाओं के अनुसार भगवान विष्णु ने शिव जी से कहा प्रभु यह अमोघ है इसे मैं आप पर परखना चाहता हूं। इसके बाद महादेव ने कहा अगर आप यह चाहते हैं तो प्रहार करके देख लीजिए। सुदर्शन चक्र के प्रहार से भगवान शिव के तीन खंड हो गए। इसके बाद भगवान विष्णु को अपने किए पर प्रयश्चित होने लगा और शिव की आराधना करने लगे। इसके बाद भगवान शिव प्रकट हुए और उन्होंने कहा कि सुदर्शन चक्र के प्रहार से मेरा प्राकृत विकार ही कटा है। मैं और मेरा स्वभाव क्षत नहीं हुआ है यह तो अच्छेद्य और अदाह्य है।विष्णुजी ने सुदर्शन चक्र से श्रीदामा का किया वध (Sudarshan Chakra Se Shridama Ka Kiya Vadh)
इसके बाद भगवान शिव ने विष्णु से कहा कि आप निराश मत होइए। मेरे शरीर के जो तीन खंड हुए हैं अब वह हिरण्याक्ष, सुवर्णाक्ष और विरूपाक्ष महादेव के नाम से जाने जाएंगे। जिसके बाद से भगवान शिव इन तीन रुपों में भी पूजा की जाती है। इसके बाद भगवान विष्णु ने श्रीदामा से युद्घ किया और उसका वध कर दिया। जिसके बाद से सुदर्शन चक्र भगवान विष्णु के साथ सदैव रहने लगा। ये भी पढ़ें- Manikarnika Ghat Snan: मणिकर्णिका स्नान का जानिए महत्व, क्या जानते हैं यह पौराणिक कहानी डिस्क्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारियां पूर्णतया सत्य हैं या सटीक हैं, इसका www.patrika.com दावा नहीं करता है। इन्हें अपनाने या इसको लेकर किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले इस क्षेत्र के किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।