इसके अनुसार भगवान शिव को जल चढ़ाते समय दिशा का ध्यान रखना जरूरी है। मान्यता है कि सही दिशा में खड़े होकर भगवान शिव को जल चढ़ाने से ही वे प्रसन्न होते हैं, गलत तरीके से या गलत दिशा में खड़े होकर भगवान शिव को जल चढ़ाने से वो नाराज भी हो सकते हैं। इसलिए जान लें भगवान शिव को जल चढ़ाते समय किस दिशा में खड़ा होना उन्हें प्रसन्न करेगा।
ये भी पढ़ेंः Shivling par kya chadhana chahiye: शिवलिंग पर क्या चढ़ाना चाहिए, जानिए सावन में इन 12 चीजों को अर्पित करने का क्या होता है फल
शिवलिंग पर जल कैसे चढ़ाएं
भगवान शिव की पूजा में कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। भक्त को शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय पूर्व दिशा की ओर मुंह करके शिवलिंग पर जल नहीं चढ़ाना चाहिए। पूर्व दिशा को भगवान शिव के लिए मुख्य द्वार माना जाता है। ऐसे में इस दिशा में मुंह करके जल जढ़ाने से महादेव नाराज हो सकते हैं।शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव को जल अर्पित करते समय कभी भी मुंह उत्तर, पूर्व और पश्चिम दिशा में नहीं होना चाहिए, क्योंकि इन दिशाओं में भगवान शिव की पीठ, कंधा आदि होता है। इसलिए इन दिशाओं में मुंह करके शिवलिंग पर जल चढ़ाने से शुभ फल प्राप्त नहीं होता। आइये जानते हैं जलाभिषेक के समय किस दिशा में हो भक्त का मुंह ..
ये भी पढ़ेंः सोमवार को शिवलिंग पर कैसे चढ़ाएं दूध, पढ़ें मंत्र और सावन में क्या होता है फल
- शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय भक्त का मुंह हमेशा दक्षिण दिशा में होना चाहिए। इससे पूरा फल मिलता है। ध्यान रखना चाहिए जल चढ़ाते समय यह उत्तर दिशा की ओर से शिवलिंग पर गिरे। इससे भगवान भोलेनाथ जल्द प्रसन्न हो जाते हैं।
- जलाभिषेक के लिए सोने, चांदी, पीतल या तांबे के लोटे या मिट्टी के कलश का उपयोग करना चाहिए। हालांकि स्टील, एल्युमिनियम या लोहे के लोटे के उपयोग से दूर रहना बचना चाहिए। क्योंकि ये धातुएं पूजा पाठ में शुभ नहीं मानी जातीं, इनमें शनि राहु का वास माना जाता है।
rashi anusar kaun paudha lagana chahiye: हरियाली अमावस्या पर राशि अनुसार लगाएं पौधे, पितरों का मिलेगा आशीर्वाद, घर में होगा सुख समृद्धि का वास
3. शिवलिंग पर जल चढ़ाने के बाद कभी भी भगवान शिव की पूरी परिक्रमा नहीं करना चाहिए, क्योंकि भगवान शिव को अर्पित किया गया जल लांघना अच्छा नहीं माना जाता है।
3. शिवलिंग पर जल चढ़ाने के बाद कभी भी भगवान शिव की पूरी परिक्रमा नहीं करना चाहिए, क्योंकि भगवान शिव को अर्पित किया गया जल लांघना अच्छा नहीं माना जाता है।
4. शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि छोटी धारा के रूप में जल अर्पित करना चाहिए और इस दौरान ऊं नमः शिवाय या नीचे लिखे मंत्र जपते रहना चाहिए।
जल चढ़ाने के लिए विशेष शिव मंत्र
नमः शंभवाय च मयोभवाय च नमः शंकराय च मयस्कराय च नमः शिवाय च शिवतराय च।।ईशानः सर्वविध्यानामीश्वरः सर्वभूतानां ब्रम्हाधिपतिर्ब्रम्हणोधपतिर्ब्रम्हा शिवो मे अस्तु सदाशिवोम।।
तत्पुरषाय विद्म्हे महादेवाय धीमहि। तन्नो रुद्रः प्रचोदयात।।
सोमवार को शिव पूजा की सरल विधि
- सबसे पहले गणेश पूजा करें।
- गणेश पूजा के बाद शिवलिंग पर तांबे, चांदी या सोने के लोटे से जल चढ़ाएं। या चांदी के लोटे या मिट्टी के कलश से दूध चढ़ाएं।
- जल या दूध चढ़ाते समय शिव जी के मंत्रों का जप करें। इस दिन पंचामृत यानी दूध, दही घी शक्कर शहद की व्यवस्था हो सके तो शिवलिंग पर जरूर चढ़ाना चाहिए।
august me janm lene wale log: टैलेंटेड और खूबसूरत होते हैं अगस्त में जन्मे लोग, जानें अन्य खूबियां और स्वभाव का सीक्रेट
4. अभिषेक करने के बाद शिवलिंग पर बिल्व पत्र, धतूरा, आंकड़े के फूल आदि अर्पित करें, मिठाई का भोग लगाएं।
4. अभिषेक करने के बाद शिवलिंग पर बिल्व पत्र, धतूरा, आंकड़े के फूल आदि अर्पित करें, मिठाई का भोग लगाएं।
5. धूप-दीप जलाकर आरती करें। भगवान के मंत्रों का जाप करें। शिव मंत्र ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप कर सकते है।