अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में शुक्र और मंगल का षडाष्टक योग बना हो, मंगल से शुक्र आठवें भाव में एवं शुक्र से मंगल छठे भाव में है, साथ ही शुक्र सूर्य की सिंह राशि के मघा नक्षत्र में है तब शुक्र बहुत अधिक बलवान होता है। जिस कुंडली में शुक्र इस तरह बलवान होता है, वह जातक अपने जीवन में भरपूर धन-संपत्ति का स्वामी होता है।*
कुंडली में शुक्र के बलवान होने पर
जिस व्यक्ति की कुंडली में शुक्र मजबूत होता है, उसे नौकरी में तरक्की, व्यापार-व्यवसाय में भरपूर धन लाभ मिलता है। साथ ही अगर किसी को नौकरी, व्यापार में समस्याएं आ रही हो तो शुक्र को मजबूत करने के लिए स्फटिक की माला को चंदन का इत्र लगाकर, इन शुक्र मंत्रों- का 108 बार जप करके पहनना चाहिए। अगर संभव हो तो इत्र का प्रयोग हर भी करें। ऐसा करने से कुछ हि दिनों में शुक्र कमाल दिखाने लगता है।
शुक्र मंत्र
।। ॐ ह्रीं श्रीं शुक्राय नम: ।।
।। ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम: ।।
।। ॐ वस्त्रं मे देहि शुक्राय स्वाहा ।।
शुक्र क्रिस्टल
अगर शुक्रवार के दिन शुक्र क्रिस्टल को गंगाजल में कुछ समय रखने के बाद, उस गंगाजल को पूरे घर एवं व्यापार स्थल पर छिड़ने से जीवन में आने वाली रूकावटें तुरंत बंद हो जाती है। उस क्रिस्टल को विधिवत पूजन करने के बाद क्रिस्टल की माला पहनी जाए तो धारण करने वाले को धन, मान-सम्मान के साथ अद्भुत सौंदर्य की प्राप्ति भी होती है।
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