शिवराज सिंह चौहान की जन्मकुंडली
नाम- शिवराज सिंह चौहान
जन्म तारीख- 5 मार्च 1959, दिन गुरूवार
जन्म समय- 12 बजे
जन्म स्थान- जैत, जिला- सीहोर (मध्यप्रदेश)
इन दमदार ग्रहों ने बदली अपनी चाल
ज्योतिषाचार्य पं. धर्मेन्द्र शास्त्री (भोपाल) ने मध्यप्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की कुंडली के बारे में पत्रिका डॉट कॉम को बताते हुये कहा कि मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के परिपेक्ष में यदि हम देखें तो इस समय ग्रहों की चाल सत्ता देशों को लाभ दिलाने का योग बना रही है, और इस समय वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की कुंडली में नवग्रहों के राजा सूर्य देव, सेनापति मंगल की राशि में प्रवेश कर चुके हैं, और साथ ही देवताओं के गुरु एवं नव ग्रहों के राज्य मंत्री देव गुरु बृहस्पति भी वृश्चिक राशि में प्रवेश कर चुके हैं, इस कारण यह नवग्रहों की जो त्रिकोणी स्थिति बन रही है वह सत्ता पक्ष के लिए लाभप्रद सिद्ध होगी, और शिवराज सिंह चौहान एक फिर से मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बन सकते हैं ।
चौथी बार क्या फिर आ रहे शिवराज
पं. शास्त्री के अनुसार मध्यप्रदेश की कुंडली के ग्रहों का राशि परिवर्तन 15 दिसंबर को ही होगा और उसके पहले मध्यप्रदेश विधानसभा के चुनाव परिणाम भी आ जाएंगे, और वर्तमान सरकार फिर से सत्ता में वापसी करके चौथी बार सरकार बना सकते हैं । मध्यप्रदेश की कुंडली के दो ग्रहों के अनुसार एवं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी चौहान की कुंडली के अनुसार देखे तो उनके लिए भी सूर्य और गुरु की युति वृश्चिक राशि में लाभप्रद सिद्ध हो रही है जो उन्हें फिर मुख्यमंत्री बनाने के प्रबल योग बना रहे हैं । हालांकि उनको व्यक्तिगत कुछ आक्षेप या हानि का सामना करना पड़ सकता है लेकिन राजयोग उनके लिए प्रबल बना हुआ है, इस योग के कारण कहा जा सकता है कि इससे कहीं ना कहीं सत्ताधारी पार्टी को अचानक लाभ की स्थिति बन जायेगी ।
शिवराज को गिफ्ट में मिलती हैं ये चीजे
शिवराज के मुख्यमंत्री बने रहने का विश्लेषण- पहले और छठे भाव का स्वामी शुक्र उच्च का होकर बुध के साथ 11 वें भाव में है, उसके साथ पंचम और दूसरे भाव का स्वामी बुध भी है, जो लक्ष्मी नारायण योग भी बना रहा हैं । पहले और छठे भाव के स्वामी शुक्र के 11 वें भाव में होने से विरोधियों पर उनको हमेशा विजयश्री प्राप्त होती रही है । लेकिन चंद्रमा शत्रु मकर राशि में होने से उन्हें मानसिक पीड़ा और विवाद गिफ्ट में मिलते रहते हैं, नुकसान नहीं कर पाते । शुक्र, बुध के साथ केतु और पंचम भाव में राहु प्रसिद्धी स्थायी सफलता में उत्पन्न करते हैं ।