धार्मिक मान्यता है कि माघ मास के कृष्ण पक्ष की इस एकादशी को व्रत रखने और तुलसी पूजन करने से व्यक्ति को सौभाग्य, सुख-समृद्धि और पापों से मुक्ति मिलती है। साथ ही सौभाग्य की प्राप्ति होती है। आइए जानते है षटतिला एकादशी पर तुलसी पूजन की विधि।
Shattila Ekadashi Puja 2025: षटतिला एकादशी का महत्व (Importance of Shattila Ekadashi)
तुलसी को सनातन धर्म में पवित्र और देवी स्वरूप माना गया है। इस लिए षटतिला एकादशी के दिन माता तुलसी की पूजा करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। इस दिन व्रत और पूजन करने से सभी व्यक्ति के सभी पाप नष्ट होते हैं। इसके साथ ही इस दिन दान का भी विशेष महत्व है। तिल, आटा, गुड़, कंबल, कपड़े आदि दान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है। Shattila Ekadashi 2025: कब है षटतिला एकादशी, जानिए कैसे करें व्रत और पूजा Shattila Ekadashi Puja 2025: तुलसी पूजन की विधि (Method of worshiping Tulsi)
स्नान और संकल्प: षटतिला एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर साफ कपड़े पहने और इसके बाद व्रत का संकल्प लें।
पूजा स्थल की सफाई: इस शुभ दिन पर पूजा करने से पहले घर के पूजा स्थल की साफ-सफाई करें और गंगाजल का छिड़काव करके पवित्र करें। इसके बाद भगवान विष्णु और तुलसी माता की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
तुलसी पर जल चढ़ाएं: तुलसी के पौधे पर गंगाजल या शुद्ध पानी चढ़ाएं।
पूजन सामग्री: तुलसी पूजा के लिए रोली, चंदन, हल्दी, अक्षत, धूप-दीप और तिल का उपयोग करें।
भगवान विष्णु का पूजन: तुलसी माता के साथ भगवान विष्णु की पूजा करें।
तुलसी माला चढ़ाएं: तुलसी की माला भगवान विष्णु को अर्पित करें और ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें।
आरती और भोग: पूजा के अंत में आरती करें और भगवान को तिल से बने व्यंजनों का भोग लगाएं।
Shattila Ekadashi Puja 2025: षटतिला एकादशी इन बातों का करें पालन (Follow these things on Shattila Ekadashi)
इस शुभ दिन पर व्रत व्रत धारण करने के बाद सात्विक भोजन या फलाहार करें। झूठ, क्रोध और अहंकार से दूर रहें। तुलसी के पत्ते को बिना स्नान किए न तोड़े। शाम के समय तुलसी के समीप दीपक जलाएं।
Shattila Ekadashi Puja 2025: षटतिला एकादशी पर तिल का महत्व (Importance of sesame on Shattila Ekadashi)
षटतिला एकादशी पर तिल का उपयोग विभिन्न रूपों में किया जाता है। तिल से हवन, स्नान, भोजन और दान करना इस दिन विशेष शुभ माना जाता है। तिल के प्रयोग से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और व्यक्ति के जीवन में सौभाग्य का आगमन होता है। षटतिला एकादशी पर तुलसी पूजन का विशेष महत्व है। तुलसी माता के पूजन से जीवन में सुख, समृद्धि और सौभाग्य आता है। इस पावन दिन पर भगवान विष्णु की पूजा और तिल दान करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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