शनिवार के दिन सूर्योदय के बाद उत्तर दिशा की ओर मुंह करके लाल मूंगे की माला से नीचे दिये गये मंत्र को कुल 31 दिनों तक 3 माला का जप करने से मंत्र सिद्ध हो जायेगा । सिद्ध होने के बाद उक्त वशीकरण मंत्र को 21 बार अभिमंत्रित करके इच्छित व्यक्ति या वस्तु पर प्रयोग करने से वे आपकी हो जायेगी । मंत्र में अमुक शुव्द के स्थान पर जिसे भी वश में करना हो उसका नाम 3 बार उच्चारण करें ।
मंत्र–
।। ऊँ नमो भास्कराय त्रिलोकात्मने अमुक महीपति में वश्यं कुरू कुरू स्वाहा ।।
– अनार के पंचांग में सफेद घुघची मिला-पीसकर तिलक लगाने से समस्त संसार वश में हो जाता है ।
– कड़वी तूंबी (लौकी) के तेल और कपड़े की बत्ती से काजल तैयार करें । इसे आंखों में लगाकर देखने से वशीकरण हो जाता है ।
– बिल्व पत्रों को छाया में सुखाकर कपिला गाय के दूध में पीस लें । इसका तिलक करके साधक जिसके पास जाता है, वह वशीभूत हो जाता है ।
– कपूर तथा मैनसिल को केले के रस में पीसकर तिलक लगाने से साधक को जो भी देखता है, वह वशीभूत हो जाता है ।
– केसर, सिंदूर और गोरोचन तीनों को आंवले के साथ पीसकर तिलक लगाने से देखने वाले वशीभूत हो जाते हैं ।
– प्रातःकाल काली हल्दी का तिलक लगाएं । तिलक के मध्य में अपनी कनिष्ठिका उंगली का रक्त लगाने से प्रबल वशीकरण होता है ।
– कौए और उल्लू की विष्ठा को एक साथ मिलाकर गुलाब जल में घोटें तथा उसका तिलक माथे पर लगाकर जिस भी मनचाही स्त्री के सम्मुख जाओगे वह सम्मोहित होकर जान तक न्योछावर करने को उतावली हो जाएगी ।
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