कर्म कारक ग्रह शनि देव कार्य का फल देने में इतने दृढ़ हैं कि कोई ढिलाई नहीं बरतते। इसलिए सामान्यतः इन्हें क्रूर ग्रह माना जाता है। क्योंकि शनिदेव अव्यवहारिकता, वास्तविकता, तर्क, अनुशासन, कानून, धैर्य, देरी, कड़ी मेहनत, श्रम और दृढ़ संकल्प के प्रतीक हैं और आम व्यवहार में मनुष्य इसका आदि नहीं है। ये चीजें इंसान को सपनों की दुनिया से यथार्थ की जमीन पर ले आती हैं। इसलिए वह इसे स्वीकार नहीं कर पाता और अशुभ ग्रह कहता है। वैसे शनि अस्त के समय इन बातों का अधिक खयाल रखना चाहिए कि शनिदेव को क्या पसंद नहीं है।
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ये बातें शनि देव को नहीं पसंद (शनिदेव को क्या पसंद नहीं)
1. शनि को अव्यवस्था नहीं पसंद (shani dev ko kya pasand nahi hai) है, इसलिए शनि अस्त के दौरान व्यवस्थित रूप से रहना चाहिए।2. शनि को अनुशासनहीनता पसंद नहीं है, इसलिए शनि की कृपा पाने के लिए व्यक्ति को अनुशासन का पालन करना चाहिए।
3. शनि देव का स्वभाव क्रोध वाला माना जाता है। इसलिए शनिवार के दिन मसूर की दाल खाने से व्यक्ति में क्रोध बढ़ता है। शनि देव शीतल पदार्थों को पसंद करते हैं।
4. शनिवार को लाल मिर्च का सेवन भी अशुभ फल दायक है।
5. शनि देव को जुआ-सट्टा खेलना, शराब पीना, ब्याजखोरी पसंद नहीं है।
6. परस्त्री गमन, झूठी गवाही, निर्दोष को सताना, किसी के पीठ पीछे विरोधी काम करना पसंद नहीं है।
7. बड़ों का अपमान, ईश्वर के खिलाफ होना, गंदे दांत रखना पसंद नहीं है।
8. तहखाने की कैद हवा को मुक्त करना, भैंस-भैंसा मारना, सांप, कुत्ता और कौआ को सताना भी पसंद नहीं है।
11. दीन दुखियों को सताया जाना और परिश्रम न करना शनि देव को नहीं पसंद है। इसलिए इन बातों से बचकर आप शनिदेव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।