अमरनाथ यात्रा के दौरान कुछ किस्मत वाले भक्तों को यहां होते हैं शेषनाग के साक्षात दर्शन
सभी देवी देवताओं में सबसे प्रमुख देवता भगवान शिव शंकर ही माने जाते हैं, जो सदैव सबका कल्याण करते हैं। सावन मास में पूजा आराधना, मंत्र जप से भगवान शिव अपने भक्तों पर आने वाले सभी कष्टों का हरण कर लेते हैं। जब-जब देवताओं, ऋषि-मुनियों या फिर ब्रह्मांड में कहीं भी जीवन पर संकट आया है तमाम कष्टों के विष को भगवान शिव ने धारण किया है।
सावन मास में महादेव की सबसे अधिक फलदायी पूजा, जो मांगते हैं मिल जाता है शिव दरबार से
भगवान शिव की आराधना बहुत ही सरल एवं बहुत ही फलदायी मानी गयी है। सावन मास में सोमवार के दिन भगवान शिव की विशेष पूजा का दिन माना जाता है। सोमवार के अलावा भी कुछ लोग पूरे सावन मास में हर दिन विधि विधान से भगवान शिव का पूजन करते हैं। कहा जाता है कि सावन मास में की गई शिव पूजा कभी खाली नहीं जाती।
सावन में अभिषेक और बेलपत्र इसलिए है भगवान शंकर को सबसे अधिक प्रिय
घर परिवार एवं दाम्पत्य जीवन की समस्त बाधाओं को दूर करने के लिए सावन मास में इस रुद्र गायत्री मंत्र का जप 108 बार सुबह-शाम दोनों समय करने से शिव कृपा प्राप्त होती है।
रुद्र गायत्री मंत्र
।। ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात् ॥
Sawan Mass : शिव पूजा मंदिर या घर में करते समय इन बातों का रखें खास ध्यान, हर इच्छा होगी पूरी
भगवान रुद्र अर्थात शिव साक्षात महाकाल हैं। सृष्टि के अंत का कार्य इन्हीं के हाथों है। उन्हें सृष्टि का संहारकर्ता माना जाता है। सभी देवताओं सहित तमाम दानव, मानव, किन्नर सब भगवान शिव की आराधना करते हैं। सावन में इस मंत्र का जप करने से भगवान शिव एक साथ अनेक बाधाओं को दूर करने के साथ मनवांछित इच्छाएं भी पूरी कर देते हैं।
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