ज्योतिष के जानकारों के अनुसार, शनि को न्याय का देवता माना जाता है। शनिदेव एक राशि में ढाई साल या उससे अधिक रहते हैं और एक राशि में रहते हुए पांच राशियों को प्रभावित करते हैं। मकर राशि शनि की स्वराशि है। इस लिहाज से शनिदेव के मकर राशि में आने के बाद कई सकारात्मक बदलाव भी दिखाई देंगे। खासकर न्याय व्यवस्था में कसावट आएगी। अपराधियों को दंड मिलेगा और न्याय प्रणाली काफी मजबूत होगी। इसके अलावा नौकरियों, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
शनि का प्रभाव किस राशि पर कैसा रहेगा
साढ़ासाती से रहात : वृश्चिक
ढैय्या से राहत : वृषभ और कन्या
साढ़ेसाती का प्रभाव : धनु, मकर और कुंभ
ढैय्या का प्रभाव : मिथुन और तुला
शनि के राशि परिवर्तन के बाद
शनि के राशि परिवर्तन के बाद धनु राशि में साढ़े साती का अंतिम चरण रहेगा, जो लामदायक रहेगा। मकर के लिए दूसरा चरण होगा, ऐसे में काम में सफलता मिलने में देरी हो सकती है। कुंभ में पहला चरण होने से इन राशि के जातकों को वाद विवाद का सामना करना पड़ सकता है। मिथुन पर ढैय्या होने से खर्चे अधिक होंगे। तुला राशि में भी ढैया रहेगा, लेकिन इन राशि वालों को नौकरी में सफलता और नए अवसर मिल सकते हैं। जिन राशियों से साढ़े साती और ढैय्या का प्रभाव खत्म हो गया है, उनकी आर्थिक स्थिति सुधारेगी, पदोन्नति और सफलता मिलेगी।