धर्म-कर्म

संत गाडगे बाबा जयंती 23 फरवरी 2020 : ईश्वर की सच्ची सेवा तो ये हैं

संत गाडगे बाबा जयंती 23 फरवरी 2020 : ईश्वर की सच्ची सेवा तो ये हैं

Feb 22, 2020 / 02:07 pm

Shyam

संत गाडगे बाबा जयंती 23 फरवरी 2020 : ईश्वर की सच्ची सेवा तो ये हैं

एक सच्चे जनसेवक समाज सुधारक, गरीब, कमजोर, दुखी और निराश व्यक्तियों की सेवा सहायता के सदैव तत्पर रहने वाले संत गाडगे बाबा का जन्म 23 फरवरी 1876 को महाराष्ट्र राज्य के आकोला जिले की अंजनगांव तालुका के ग्राम खासपुर (शेगांव) में हुआ था। संत गाडगे बाबा समाज में फैली हुई दुष्प्रवृत्तियों को दूर करने के लिए गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक करते हैं। उनकी जयंती पर जानें उनके महत्वपूर्ण प्रेरणापद विचार।

अब होगा करोड़पति बनने का सपना पूरा, फाल्गुन अमावस्या पर कर लें ये घरेलू उपाय

ज़िंदगी मे भावनाओं से ज्यादा हमारा कर्तव्य बड़ा होता है। दुनिया को प्रेम से जीता जा सकता है, शत्रुता से नहीं। सफलता को पाने के लिए, खुद के बनाए हुये, नियमों का पालन करना चाहिए। हमारे मन में एक आदर्श व्यक्ति का होना बहुत जरूरी है। दया, करुणा, मानव कल्याण और परोपकार आदि गुणों का भंडार होना ही सच्चा धन है। असमानता और अमानवीयता मानव जीवन के लिए हानिकारक है। हमारे अच्छे शौक, हमे अपने जीवन पर प्रेम करना सिखाते है। मन में फल की इच्छा रखकर अच्छा कर्म करना गलत है। अगर पैसों की तंगी है, तो खाने के बर्तन बेच दो पर अपने बच्चों को शिक्षा बिना मत रखो। मेरा कार्य ही मेरा सच्चा स्मारक है। अंध, बीमार और विकलांग लोगों की सहायता में अपना योगदान दो, और उनकी सहायता करो। बेरोजगारों को काम और मुक प्राणियों को अभयदान दो।

भगवान “राम” के इन 108 नामों के जप, उच्चारण या श्रवण मात्र से होती है कामना पूरी

अगर आप अपने लिए जिएंगे तो आप मर जाएंगे और अगर आप खुद जिएंगे और दूसरों के लिए जिएंगे तो आप जिएंगे। कभी भी ऐसा कर्म ना करे जिससे दूसरों को तकलीफ हो और वह दुखी हो जाए। भूके को रोटी, प्यासे को पानी, वस्त्रहीन लोगों को कपड़ा और बेघर लोगों को आसरा देना ही ईश्वर सेवा है। गरीब बच्चों की शिक्षा मे सहायता करो। गरीबों की उन्नति में अपना योगदान दो। गरीब, कमजोर, दुखी और निराश लोगों की मदद करना और उन्हें हिम्मत देना ही सच्चा धर्म है और ईश्वर भक्ति है।

ये नौ मंत्र बदल देंगे जपने वाले की जिंदगी, होने लगेगी हर इच्छा पूरी

मेरे मरने के बाद मेरी मूर्ति, स्मारक, समाधि या मंदिर मत बनाना। जातीयता तोड़ने में आपसी भाई चारे की संस्कृति विकसित करना आवश्यक है। मांस खिलाना और शराब पिलाना ये कोई धर्म नहीं है। कर्ज लेकर त्यौहार मनाना, या कर्ज लेकर परंपराओ का पालन करना महापाप है। इंसान को हमेशा सीधा-साधा जीवन बिताना चाहिए, शान शौकत इंसान को बर्बाद कर देती है।
*************

Hindi News / Astrology and Spirituality / Dharma Karma / संत गाडगे बाबा जयंती 23 फरवरी 2020 : ईश्वर की सच्ची सेवा तो ये हैं

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.