गुरूवार के दिन संकल्प लेकर पूरे दिन उपवास रखें। गुरूवार के दिन शाम के समय शिरडी या अन्य किसी भी साई मंदिर में जाकर एक 11 मुख वाला दीपक जलाकर बाबा के सामने रख दें, और 3 बार श्री साई चालीसा का पाठ करें। ऐसा कहा जाता है कि साई बाबा का व्रत एक बार शुरू करने के बाद लगातार 9 गुरुवार तक किया जाना चाहिए। सुबह जल्दी उठाकर स्नान करने के बाद साईं बाबा की फोटो या मूर्ति की पूजा करें। पूजा करते वक्त बाबा की मूर्ति या फोटों के नीचे पीले रंग का वस्त्र बिछाकर पीले फूलों की माला चढाएं।
साई बाबा की फोटो या मूर्ति को शुद्ध चंदन का तिलक लगाएं। साई नाथ को भोग लगाने के लिए बेसन के लड्डू या फिर किसी भी शुद्ध मावे की मिठाई का प्रयोग करे और भोग लगाने के बाद उसी भोग को घर के सभी लोगों में प्रसाद रूप में बांट दें। व्रत में फलाहार ग्रहण करें लेकिन व्रत में नमक से बने पकवान ना खाये। गुरूवार का व्रत पूरा होने के बाद गरीब, असहाय लोगों को भोजन अवश्य करावें, ऐसा करने बाबा की कृपा तुरंत करें।
कामना पूर्ति के लिए इन साईं मंत्रों में से किसी भी एक साईं मंत्र का जप एक हजार बार जरूर करें।
1- ॐ साईं राम।।
2- ॐ साईं गुरुवाय नम:।।
3- सबका मालिक एक है।।
4- ॐ साईं देवाय नम:।।
5- ॐ अजर अमराय नम:।।
6- ॐ मालिकाय नम:।।
7- जय-जय साईं राम।।
8- ॐ सर्वज्ञा सर्व देवता स्वरूप अवतारा।।
9- ॐ शिर्डी देवाय नम:।।
10- ॐ समाधिदेवाय नम:।।
11- ॐ सर्वदेवाय रूपाय नम:।।
12- ॐ शिर्डी वासाय विद्महे सच्चिदानंदाय धीमहि तन्नो साईं प्रचोदयात्।।
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