देश के अधिकांश धार्मिक स्थानों पर नकली रुद्राक्ष बेचे जा रहे है । एक रिसर्च में खुलासा हुआ है कि व्यापारी रुद्राक्ष के जैसा ही दिखने वाले भद्राक्ष को रुद्राक्ष के नाम से बेचकर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं । रुद्राक्ष की भारत में कुल 33 प्रजातियां हैं । बाजार में बेचे जा रहे तीन मुखी से नीचे और सात मुखी से ऊपर के ज्यादातर रुद्राक्ष नकली हैं ।
असली और नकली रुद्राक्ष
असली और नकली रुद्राक्ष पर रिसर्च करने वाले वैज्ञानिकों ने इलेइओकार्पस गैनीट्रस प्रजाति को शुद्ध रुद्राक्ष माना है । जबकि इलेइओकार्पस लेकुनोसस को नकली प्रजाति माना गया है । बाजार में इस समय प्लास्टिक और फाइबर से बने हुए रुद्राक्ष भी धड़ल्ले से बिक रहे हैं । अध्ययन में पाया गया है कि लकड़ी को रुद्राक्ष का आकार देकर या फिर टूटे रुद्राक्षों को जोड़कर भी नया रुद्राक्ष बनाने का गोरख धंधा चल रहा है ।
ऐसे करें असली रुद्राक्ष और भद्राक्ष पहचान
1- जो असली रुद्राक्ष होता है उसके फल में प्राकृतिक रूप से छेद होते हैं । जबकि भद्राक्ष में छेद करके रुद्राक्ष का आकार दिया जाता है ।
2- असली रुद्राक्ष को सरसों के तेल में डुबाने से वह रंग नहीं छोड़ता है जबकि नकली रुद्राक्ष यानि की भद्राक्ष रंग छोड़ता है ।
3- जो असली रुद्राक्ष होगा वह पानी में डुबाने पर वह डूब जाता है , जबकि नकली रुद्राक्ष तैरता ही रहता है ।
4- जो असली रुद्राक्ष होगा उसे किसी नुकिली चीज से कुरेदने पर अगर उसमें से रेशा निकलता हो तो वह असली रुद्राक्ष होता है । नकली भद्राक्ष में रेशा नहीं निकला ।