ये भी पढ़ें- जब शनिदेव ने कहा- मेरी नजर से न देव बच सकते हैं, न दानव ज्योतिषियों के अनुसार, जिसकी कुंडली में शनिदेव बैठ जाते हैं, उसका कोई काम नहीं बनता है लेकिन शनि से ज्यादा राहु और केतु को मारक माना जाता है। कहा जाता है कि जिस व्यक्ति पर इन ग्रहों की छाया पड़ जाती है, उस व्यक्ति की बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है। यही कारण है कि राहु और केतु को पापी ग्रह माना जाता है।
ये भी पढ़ें- सोमवती अमावस्या : आज की काली रात भूल कर भी न करें यह कार्य, नहीं तो हो जाएंगे बर्बाद ज्योतिषियों का मानना है कि इन ग्रहों का प्रभाव पड़ने से पहले ही उनका उपचार कर लेना चाहिए। कहा जाता है कि ये ग्रह व्यक्ति के तर्क शक्ति, बु्द्धि और ज्ञान को खत्म कर देता है। माना जाता है कि बुद्धि भ्रष्ट होने के कारण व्यक्ति कई गलत कामों को करने लगता है।
ये भी पढ़ें- हनुमान की तपस्या भंग करने की शनिदेव ने की थी कोशिश, मिला था दंड ज्योतिषियों का कहना है कि कुंडली में राहु और केतु ग्रह का असर दूसरे ग्रहों की स्थितियों पर निर्भर करता है। माना जाता है कि दोनों ग्रह बुद्धि के ग्रह हैं। ज्योतिषियों के अनुसार, इन ग्रहों की वजह से जो भी कोई मुश्किलों का सामना करता है, वो इसके लिए खुद जिम्मेदार होता है।
ये भी पढ़ें- शनि जयंती 2019 : जानें क्या और कैसे करें ज्योतिष बताते हैं कि शरीर में राहु को सिर औक केतु को धड़ माना जाता है। बताया जाता है कि जिनके कुंडली में रहु का प्रभाव होता है, उन्हें गले की समस्या हो सकती है। वहीं, राहु के कारण पेट संबंधित समस्याएं हो सकती है।