गणेश चतुर्थी 2019 : गणेश जी को इसलिए लगाते हैं मोदक का भोग, जानें अद्भूत रहस्य
28 बुधवार को भादों मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को बुधवारी प्रदोष व्रत का दिन है। इस दिन व्रत करने वाले को विद्या बुद्धि की प्राप्ति के साथ भगवान शिवजी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। प्रदोष के दिन शंकर जी की पूजा आराधना करने से वे शीघ्र प्रसन्न होकर व्रती के जीवन की गंभीर से गंभीर समस्याओं को दूर कर देते हैं। शास्त्रों में प्रदोष व्रत को अन्य व्रतों में पहला स्थान प्राप्त है।
ऐसी मान्यता हैं कि अगर किसी व्यक्ति के जीवन में परेशानियों के कारण किसी भी तरह की तरक्की नहीं हो पा रही हो तो बुधवारी प्रदोष के दिन उपवास रखकर सुबह के समय श्री गणेश जी की एवं प्रदोष काल सूर्यास्त के समय भगवान शिवजी की विशेष पूजा अर्चना करने बाद मीठे जल से शिवलिंग अभिषेक करने से परेशानियों का अंत होने लगता है और अनेक कामनाओं की पूर्ति भी होने लगती है।
इसलिए कहते हैं गणेशजी को एकदंत दयावंत बुद्धिमान
प्रदोष व्रत रखने के साथ करे यह उपाय-
1- जीवन के सभी पापों के नाश के लिए 17 अप्रैल बुधवारी प्रदोष व्रत अवश्य करें।
2- इस दिन सूर्यास्त के समय किसी शिवमंदिर में जाकर 251 बार महामृत्युंजय मंत्र का जप करें।
3- गंगाजल से शिवजी का अभिषेक करें।
4- 108 बिना खंडित बेलपत्र अर्पित करें।
ओणम का त्यौहार : 1 सितंबर 2019 को हर्षोल्लाष से मनाया जाएगा यह पर्व
5- उक्त पूजा करने के बाद ऋतुफल का भोग शिवजी को लगायें, एक श्रीफल भेट करने के बाद दण्वत प्रणाम करते हुए सभी पाप कर्मों की मुक्ति की प्रार्थना भी करें।
6- पूजन के बाद मंदिर से बाहर निकले पर कोई दरिद्र मिल जाये तो उन्हें कुछ न कुछ दान अवश्य करें। इससे आपकी मनोकामनाएं भी पूरी जाती है।
7- शास्त्रों के अनुसार ऐसा करने से जाने अंजाने में हुये सभी तरह के पुराने से पुराने पाप कर्मों के फल से मुक्ति मिल जाती है।
*********