सप्ताह में कुल 7 दिन होते है , और प्रति माह इन 7 दिनों में से किसी एक दिन पड़ता है प्रदोष व्रत । दिन के अनुसार प्रदोष काल में की गई पूजा एवं व्रत सभी मनोकामनाओं की पूर्ति कर देता है । प्रदोष काल शुक्ल पक्ष एवं कृष्ण पक्ष के तेरहवें दिन यानी की त्रयोदशी तिथि में होता हैं और इस व्रत रखना शास्त्रों बहुत ही लाभकारी माना गया हैं । उपवास रखने के साथ इस दिन भगवान शिव की पूजा घर या शिवालय में करने से सभी पापों का नाश होता है एवं मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है, एवं सभी तरह की कामना पूर्ति के लिए इस मंत्र का कम से कम 108 या फिर 1100 बार जप प्रदोष काल में करना चाहिए । इस मंत्र को रूद्राक्ष की माला से जपना चाहिए । प्रदोष पूजा का सही समय सूर्यास्त के समय का ही होता हैं ।
मंत्र-
।। ॐ पञ्चवक्त्राय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात् ।।
दिन के अनुसार प्रदोष व्रत करने से होते है ऐसे लाभ-
1- रविवार के दिन व्रत रखने से अच्छी सेहत एवं उम्र लम्बी होती है ।
2- सोमवार के दिन व्रत रखने से सभी मनोकामनाऐं पूर्ण होती है ।
3- मंगलवार के दिन व्रत रखने से बीमारीयों से राहत मिलती है ।
4- बुधवार के दिन प्रदोष व्रत रखने से सभी मनोकामनाऐं एवं इच्छाऐं पूर्ण होती है ।
5- गुरूवार को व्रत रखने से दुश्मनों का नाश होता है ।
6- शुक्रवार को व्रत रखने से वैवाहिक जिंदगी एवं भाग्य अच्छा होता हैं ।
7- शनिवार को व्रत रखने से संतान प्राप्त होती है ।
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