scriptpradosh vrat : गुरुवार को शाम 4 से 7 बजे के बीच ऐसा करने से महादेव हो जायेंगे प्रसन्न, करेंगे हर इच्छा पूरी | Pradosh Vrat 2 may 2019 | Patrika News
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pradosh vrat : गुरुवार को शाम 4 से 7 बजे के बीच ऐसा करने से महादेव हो जायेंगे प्रसन्न, करेंगे हर इच्छा पूरी

गुरुवार को शाम 4 से 7 बजे के बीच ऐसा करने से खुल जायेगी किस्मत

May 01, 2019 / 01:02 pm

Shyam

pradosh vrat puja ka samay, aaj ka shubh muhurat panchang

pradosh vrat puja ka samay, aaj ka shubh muhurat panchang

2 मई दिन गुरुवार को वैशाख मास के कृषण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को गुरुवारी प्रदोष व्रत का दिन है । इस दिन व्रत करने से भगवान शिवजी की विशेष कृपा प्राप्त होती हैं । प्रदोष वाले दिन शंकर जी की पूजा आराधना करने से वे शीघ्र प्रसन्न होकर व्यक्ति के जीवन की गंभीर से गंभीर समस्याओं को दूर कर देते है । शास्त्रों में प्रदोष व्रत को अन्य व्रतों में पहला स्थान प्राप्त हैं । जाने कैसे प्राप्त कर सकते हैं महादेव की कृपा और आशीर्वाद प्रदोष व्रत के शुभफल से ।

 

प्रदोष व्रत की विधि

प्रदोष व्रत के दिन व्रती को प्रात:काल उठकर नित्य क्रम से निवृत हो स्नान कर शिव जी का पूजन करना चाहिये। पूरे दिन मन ही मन “ऊँ नम: शिवाय” मंत्र का जप करना चाहिए। त्रयोदशी के दिन प्रदोष काल में यानी सूर्यास्त से तीन घड़ी पहले शाम 4:30 बजे से लेकर शाम 7 बजे के बीच की जाती है। व्रती को चाहिये की शाम को दुबारा स्नान कर स्वच्छ श्वेत वस्त्र धारण कर लें ।

 

अब पूजा स्थल अथवा शिव मंदिर में पूजा की जा सकती हैं। पूजन की सभी सामग्री एकत्रित कर लें। कलश अथवा लोटे में शुद्ध जल भर लें। कुश के आसन पर बैठ कर शिव जी की पूजा विधि-विधान से करें। “ऊँ नम: शिवाय” बोलते हुए शिव जी को जल अर्पित करें। इसके बाद दोनों हाथ जो‌ड़कर शिव जी को नमस्कार करने के बाद इस मंत्र का 251 बार जप करें। ऐसा करने से जीवन की सारी समस्याएं खत्म हो जाती है।


मंत्र-

।। ऊँ ह्रीं क्लीं नम: शिवाय स्वाहा ।।
उक्त मंत्र का जप पूरा होने के बाद 108 बार गाये के घी या हवन सामग्री से यज्ञ करने किस्मत के सितारें चमका शुरू हो जाते हैं।

 

कहा जाता हैं कि प्रदोष का व्रत रखने वालें व्यक्ति को 2 गायों के दान करने के बराबर पुण्यफल मिलता हैं । प्रदोष व्रत के बारे शास्त्रों में कथा आती हैं की एक दिन जब चारों दिशाओं में अधर्म का बोलबाला नजर आयेगा, अन्याय और अनाचार अपना चरम सीमा पर होगा, व्यक्ति में स्वार्थ भाव बढ़ने लगेगा, और व्यक्ति सत्कर्म के स्थान पर छुद्र कार्यों में आनंद लेगा, और इस कारण ऐसे लोग जो पाप के भागी बनेंगे, अगर वे प्रदोष का व्रत करने के साथ भगवान शिवजी की विशेष पूजा करेगा उसके इस जन्म ही नहीं बल्कि अन्य जन्म- जन्मान्तर के पाप कर्म भी नष्ट हो जाते हैं औऱ उत्तम लोक की प्राप्ति के साथ मोक्ष की प्राप्ति होती है ।


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