पितृ पक्ष इंदिरा एकादशी व्रत, पूजा विधि एवं श्राद्ध करने का महत्व
इन मंत्रों में से करें किसी भी एक गणेश मंत्र का 108 बार जप- 1- इस मंत्र के जप से दरिद्रता का नाश होकर, धन प्राप्ति के प्रबल योग बनने लगते हैं।
।। ॐ गं लक्ष्म्यौ आगच्छ आगच्छ फट् ।।
इन मंत्रों में से करें किसी भी एक गणेश मंत्र का 108 बार जप- 1- इस मंत्र के जप से दरिद्रता का नाश होकर, धन प्राप्ति के प्रबल योग बनने लगते हैं।
।। ॐ गं लक्ष्म्यौ आगच्छ आगच्छ फट् ।।
2- वाद-विवाद, कोर्ट कचहरी में विजय प्राप्ति के लिए एवं शत्रु भय से छुटकारा पाने के लिए इस मंत्र को जपें।
।। ॐ गं गणपतये सर्वविघ्न हराय सर्वाय सर्वगुरवे लम्बोदराय ह्रीं गं नमः ।। 3- इस मंत्र के जप से यात्रा में सफलता मिलती है।
।। ॐ नमः सिद्धिविनायकाय सर्वकार्यकर्त्रे सर्वविघ्न प्रशमनाय सर्व राज्य वश्य कारनाय सर्वजन सर्व स्त्री पुरुषाकर्षणाय श्री ॐ स्वाहा।।
।। ॐ गं गणपतये सर्वविघ्न हराय सर्वाय सर्वगुरवे लम्बोदराय ह्रीं गं नमः ।। 3- इस मंत्र के जप से यात्रा में सफलता मिलती है।
।। ॐ नमः सिद्धिविनायकाय सर्वकार्यकर्त्रे सर्वविघ्न प्रशमनाय सर्व राज्य वश्य कारनाय सर्वजन सर्व स्त्री पुरुषाकर्षणाय श्री ॐ स्वाहा।।
4- यह हरिद्रा गणेश साधना का चमत्कारी मंत्र हैं, इसके जप से सर्वत्र मंगल ही मंगल होता है।
।। ॐ हुं गं ग्लौं हरिद्रा गणपत्ये वरद वरद सर्वजन हृदये स्तम्भय स्वाहा ।। कहीं बार-बार दिखती या घर में तो नहीं आती बिल्ली, सावधान, आ सकते है संकट, पितृ पक्ष के अंतिम दिन कर लें ये उपाय
।। ॐ हुं गं ग्लौं हरिद्रा गणपत्ये वरद वरद सर्वजन हृदये स्तम्भय स्वाहा ।। कहीं बार-बार दिखती या घर में तो नहीं आती बिल्ली, सावधान, आ सकते है संकट, पितृ पक्ष के अंतिम दिन कर लें ये उपाय
5- इस मंत्र का श्रद्धापूर्वक जप करने से गृह कलेश दूर होता है एवं घर में सुखशान्ति बनी रहती है।
।। ॐ ग्लौं गं गणपतये नमः ।। 6- व्यापार से सम्बन्धित बाधाएं एवं परेशानियां निवारण एवं व्यापर में निरंतर उन्नति हेतु।
।। ॐ गणेश महालक्ष्म्यै नमः ।।
।। ॐ ग्लौं गं गणपतये नमः ।। 6- व्यापार से सम्बन्धित बाधाएं एवं परेशानियां निवारण एवं व्यापर में निरंतर उन्नति हेतु।
।। ॐ गणेश महालक्ष्म्यै नमः ।।
7- भयानक असाध्य रोगों से परेशानी होने पर, उचित ईलाज कराने पर भी लाभ प्राप्त नहीं हो रहा हो, तो पूर्ण विश्वास सें इस मंत्र का जप करने से या किसी साधक से करवाने पर रोगी धीरे-धीरे रोगी रोग मुक्त हो जाता है।
। । ॐ गं रोग मुक्तये फट् ।।
। । ॐ गं रोग मुक्तये फट् ।।
**********