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शनिवार के दिन गाय का कच्चे दूध किसी बिल्व पत्र के पेड़ की जड़ पर थोड़ा सा चढ़ाए एवं उसी पेड़ से 21 बिल्व पत्र तोड़कर ले आएं। ध्यान रखें बिल्व के पत्ते कहीं से भी खंडित न हों और जमीन पर न गिरे हों। बेलपत्र को घर लाकर पानी से साफ करें। अब तांबे या चांदी के एक लोटे में गाय के दूध को भर लें एवं थोड़े से काले तिल मिला लें। अब ये सभी सामग्री लेकर किसी शिव मंदिर में जाएं। अगर शिव मंदिर में शिवलिंग पीपल पेड़ के नीचे स्थापित हो तो सबसे उत्तम माना जाता है।
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शिव मंदिर में पहुंच कर सबसे पहले पीपल पेड़ पर थोड़ा सा दूध चढ़ाकर सात बार परिक्रमा करें। परिक्रमा के बाद शिवलिंग के सामने पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठ, हाथ जोड़कर अपने सभी ज्ञात-अज्ञात पितरों को याद कर प्रार्थना करें कि आपके मोक्ष की कामना से हम भगवान शिव शंकर जी की विशेष पूजा करने जा रहे हैं। निश्चित ही भगवान भोलेनाथ आपकी आत्मा को मोक्ष-मुक्ति प्रदान करें-
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अब विधिवत सबसे पहले गाय के दूध से शिवलिंग का अभिषेक करें। बेलपत्र सहित सभी पूजन की सामग्रियों एक-एक पितृ दोष से मुक्ति की प्रार्थना करते हुए शिवलिंग पर अर्पित करें। इस उपाय और शिव कृपा से कुछ ही दिनों में पितृ दोष से होने वाली पीड़ा दूर हो जाएगी।
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