इस साल खरमास 16 दिसंबर 2018 से लग रहा हैं जो 14 जनवरी 2019 तक रहेगा, शास्त्रों में उल्लेख आता है की जो भी मनुष्य खरमास के पूरे एक महीने तक नियमित रूप से पीपल के पेड़ के नीचे शुद्ध घी या फिर सरसों के तेल का दीपक जलाकर पंचोपचार पूजन करने के बाद 11 परिक्रमा करता हैं उसकी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति हो जाती हैं ।
पीपल एक मात्र ऐसा पवित्र देव वृक्ष हैं जिससे सभी देवी देवता एवं पितर गण निवास करते हैं । इसीलिए तो पीपल को कलयुग का कल्पवृक्ष भी कहा गया हैं । श्रीमद्भगवतगीता में स्वयं भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि मैं वृक्षों में पीपल हूं- अश्वत्थः सर्ववृक्षाणाम मूलतो ब्रह्मरूपाय मध्यतो विष्णुरूपिणें अग्रतः शिवरूपाय अश्वत्थाय नमो नमः ।।
पीपल के मूल में श्री ब्रह्मा जी, मध्य में श्री विष्णु जी एवं अग्र भाग में श्री शिवजी निवास करते हैं । शास्त्रों में तो पीपल के अनेक दिव्य गुणों का वर्णन मिलता हैं, लेकिन वैज्ञानिक भी मानते हैं की सभी वृक्षों में पीपल ही एक मात्र ऐसा पेड़ है जो दिन रात 24 घंटे केवल आक्सीजन ही छोड़ता हैं, इसलिए यह मनुष्य के साथ सभी जीवों के लिए अति उपयोगी एंव लाभकारी वृक्ष हैं ।