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Solar Eclipse 2025: नए साल 2025 में भारत का पहला सूर्य ग्रहण, जानिए तिथि और समय के साथ पूरी जानकारी

Solar Eclipse 2025: आज हम आपको नए साल 2025 में लगने वाले सूर्यग्रहण के बारे में बताएंगे। इस सूर्यग्रहण का देश में कितना प्रभाव रहेगा। किन-किन जगहों पर दिखाई देगा।

जयपुरDec 04, 2024 / 09:16 am

Sachin Kumar

Solar Eclipse 2025

Solar Eclipse 2025: नया साल आन वाला है। लोग ने नए साल को सेलिब्रेट करने के लिए तैयारियां शुरू कर दी है। साथ लोग नए साल में आने वाले पर्व, त्योहार और घटनाओं के बारे में जानकारी जुटाना चाहते हैं। लोग के मन में यह जानने की इच्छा भी रहती है कि आने वाले में सूर्य ग्रहण कब लगेगा तो चंद्रपर ग्रहण का कितना प्रभाव रहेगा। आइए जानते हैं। सूर्यग्रहण की पूरी जानकारी।
भारत में वर्ष 2025 का पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च 2025 को होगा। यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण (Partial Solar Eclipse) होगा। इस घटना में चंद्रमा सूर्य के एक हिस्से को ढक लेगा। यह अद्भुद यूरोप, उत्तरी और पश्चिमी अफ़्रीका,उत्तरी एशिया, उत्तरी अमेरिका और उत्तरी दक्षिण अमेरिका सहित दुनिया के कई हिस्सों में दिखाई देगी। वहीं कुछ ऐसे देश जहां लोग आंशिक ग्रहण देख सकेंगे उनमें बरमूडा, पुर्तगाल, कनाडा, यूएसए, मोरक्को, स्पेन,आयरलैंड, ग्रीनलैंड, फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम, आइसलैंड, बेल्जियम, नीदरलैंड, फरो आइलैंड्स, जर्मनी, डेनमार्क, नॉर्वे, स्वीडन, फिनलैंड और रूस शामिल हैं। लेकिन यह अद्भुद घटना भारत में दिखाई नहीं देगी।

पहला सूर्य ग्रहण

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नए साल 2025 का पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च को दोपहर 2 बजकर 20 मिनट से लेकर शाम के 6 बजकर 13 मिनट तक रहेगा। जो कि आंशिक रूप में दिखाई देगा। वहीं साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 21 सितंबर 2025 को होगा। वह भी एक आंशिक सूर्य ग्रहण ही रहेगा।
हालांकि सटीक समय स्थान के अनुसार थोड़ा भिन्न हो सकता है। ग्रहण का कुल अवधि लगभग ढाई घंटे होगी।

आंशिक रूप से कहां से देख सकते हैं

भारत में यह सूर्य ग्रहण मुख्य रूप से उत्तर भारत, पश्चिम भारत, और पूर्वोत्तर राज्यों में आंशिक रूप से दिखाई देगा। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और जयपुर जैसे बड़े शहरों से इसे देखा जा सकेगा। दक्षिण भारत में इसकी दृश्यता सीमित होगी।

सावधानी के साथ-साथ याद रखें ये बातें

सूर्य ग्रहण को बिना सुरक्षा उपकरणों के देखने से आँखों को गंभीर नुकसान हो सकता है। इसे देखने के लिए विशेष सौर फिल्टर या सोलर व्यूइंग ग्लास का उपयोग करें।
ग्रहण के दौरान टेलीस्कोप या बिनोकुलर का सीधा उपयोग करने से बचें।

खगोल विज्ञान के प्रेमियों के लिए यह एक सुनहरा अवसर है। लाइव स्ट्रीमिंग और वेधशालाओं में विशेष आयोजन भी हो सकते हैं।
डिस्क्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारियां पूर्णतया सत्य हैं या सटीक हैं, इसका www.patrika.com दावा नहीं करता है। इन्हें अपनाने या इसको लेकर किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले इस क्षेत्र के किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।
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