दरअसल मन जाता है कि यदि हमारा घर शुद्धए साफ और सकारात्मक ऊर्जा वाला रहेगाए तो लक्ष्मी का भी हमारे घर में वास होगा। वही शास्त्रों और पुराणों में घर को एक मंदिर ही कहा गया है, यानि इसे देवस्थान माना गया है। ऐसे में जहा कुछ चीजें ऐसी होती हैं जिनका घर में होना बेहद जरूरी माना जाता है। तो वहीं, कुछ चीजें ऐसी होती हैं जिनकी मदद से देवी मां लक्ष्मी को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है।
ये हैं उपाय…
: घर में खाना बने तो सबसे पहले गाय और कुत्ते के लिए खाना अलग निकाल दें और बाद में उसे गाय और कुत्ते को खिला दें। कहा जाता है कि ऐसा करने से आर्थिक समस्या दूर हो जाती है।
: जब भी जातक खाना खाएं तो अपना मुंह उत्तर दिशा की ओर करके ही खाएं। कहा जाता है कि ऐसा करने से धन लाभ के साथ.साथ आयु में भी वृद्धि होती है।
: यदि आप माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो हर दिन केले के पेड़ में जल चढ़ाएं और घी का दीपक जरूर जलाएं। यदि ऐसा करना हर दिन संभव ना हो तो इसे गुरुवार के दिन जरूर करें।
: पूजा के दौरान जो अक्षत / चावल आप लक्ष्मी जी पर चढ़ाते हैं, उसे छोटे से कागज़ में पुड़िया बनाकर अपने पर्स में रख लें। कहा जाता है कि ऐसा करने से धन से जुड़ी समस्या खत्म हो जाती है।
: इसके अलावा ये भी कहा जाता है हर गुरुवार को तुलसी के पौधे में दूध अर्पित करने से जीवन में आर्थिक संपन्नता आती है। हर दिन केले के पेड़ में जल चढ़ाएं…
लक्ष्मी माता की आरती-
ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।
सूर्य.चंद्रमा ध्यावतए नारद ऋषि गाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
तुम पाताल.निवासिनिए तुम ही शुभदाता।
कर्म.प्रभाव.प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता।
सब सम्भव हो जाताए मन नहीं घबराता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।
खान.पान का वैभव, सब तुमसे आता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
शुभ.गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि.जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
सब बोलो लक्ष्मी माता की जय, लक्ष्मी नारायण की जय।
आरती पूरी होने के बाद तुलसी में आरती जरूर दिखाना चाहिए, इसके बाद घर के लोगों को आरती लेनी चाहिए।