माता लक्ष्मी की पूजा का महापर्व दिवाली दो दिन बाद ही है। ऐसे में आज हम आपको यहां हम आपको बता रहे हैं कुछ आसान टिप्स जिन्हें करने से आपको मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होगी और माना जाता है कि ऐसा करने से आप धन-दौलत से हो जाएंगे समृद्ध…
1. घर के मुख्य द्वार पर सरसों के तेल का दीप जलायें। दीपक बुझने पर बचे हुये तेल को, पीपल के पेड़ पर शाम होने पर चढ़ा दें। 7 शनिवार ऐसा करने से धन की कमी नहीं रहेगी।
2. लाल धागे में सातमुखी रुद्राक्ष गले में धारण करने से अचानक धन की प्राप्ति होती है।
3. धन लक्ष्मी की उपासना के लिए सच्चे भाव से उनका स्मरण कर सुबह-शाम महालक्ष्मी की प्रतिमा या तस्वीर पर कुंमकुंम, अक्षत, गंध, फूल चढ़ाकर और अगरबत्ती लगाकर आस्था और पवित्र भाव से करें। ध्यान रहे धन लक्ष्मी की पूजा करने वाले किसी भी हाल में स्त्री का अनादर नहीं करें।
4. महालक्ष्मी व्रत के 15 दिनों में किसी भी रात 3 से 5 बजे के बीच उठें। अपने घर के उस स्थान पर जायें,जहां से खुला आसमान दिखता हो। पश्चिम की ओर मुख करके, दोनों हाथ आसमान की ओर उठा कर, लक्ष्मी जी धन की भिक्षा मांगें। फिर दोनों हथेलियों को मुंह की ओर फेर लें। कुछ दिनों में आमदनी के स्रोत बढ़ने लगेंगे। यह उपाय आप महालक्ष्मी व्रत के 15 दिन के अलावा , किसी और दिन से भी शुरु कर सकते हैं।
5. सवा पांच किलो आटा एवं सवा किलो गुड लें। दोनों का मिश्रण कर रोटियां बना लें। शुक्रवार के दिन सायंकाल गाय को खिलाएं। तीन शुक्रवार तक यह कार्य करने से दरिद्रता समाप्त होती है। अनायास धन की प्राप्ति होती है।
6. ऊँ श्री ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मयै नम:।
इस मंत्र की कमलगट्टे की माला से प्रतिदिन जप करने से ऋणमुक्ति होती है।
7. धन लक्ष्मी का यह मंत्र धन और वैभव की सारी कामनाओं को पूरा करने वाला माना गया है, लक्ष्मी उपासना के लिए हो सके तो सादे-स्वच्छ श्वेत वस्त्र पहनें। इस उपासना के पूर्व पवित्रता का विशेष ध्यान रखें –
क्षीरदायै धनदायै बुद्धिदायै नमो नम:।
यशोदायै कीर्तिदायै धर्मदायै नमो नम:।।
8. मां लक्ष्मी की प्रतिमा के सामने 11 दिनों तक अखंड ज्योत (तेल का दीपक) प्रज्ज्वलित करें। 11वें दिन 11 कन्या को भोजन कराकर एक सिक्का व मेहंदी दें। जानकारों के अनुसार इससे भी अचानक धन प्राप्ति के योग बनते हैं।
9.धन लक्ष्मी को सफेद पदार्थ जैसे चावल से बनी खीर और यथासंभव दूध से बने पकवानों का भोग लगाएं।
गृह लक्ष्मी, माता या घर की सबसे बड़ी स्त्री को भी आदर देते हुए सर्वप्रथम उसे ही प्रसाद ग्रहण कराएं तत्पश्चात स्वयं ग्रहण करें।
10. महीने में 2 बार किसी भी दिन, उपले पर लोबान रख कर जलायें। फिर लोबान को घर में चारों ओर घुमा दें। लक्ष्मी जी को लोबान की सुगंध बहुत प्रिय है। सुगंध से खिंची चली आएंगी लक्ष्मी जी।
11. रविवार को पुष्य नक्षत्र में, कुशमूल को गंगाजल से स्नान करायें। कुशमूल को देवता मान कर,उसकी पूजा करके, लाल कपड़े में लपेट कर, तिजोरी में रखें। धनवर्षा होने लगेगी।
12. गुरूवार को सुहागिन महिला को, सुहाग की 16 सामग्री दें। 5 गुरूवार ऐसा करने से धन वर्षा के योग बनेंगे। सुहागिन महिला को लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है।