मासिक दुर्गा अष्टमी तिथि
पौष माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 29 दिसंबर की शाम 7 बजकर 17 मिनट से शुरू हो चुकी है। यह 30 दिसंबर की शाम 6 बजकर 30 मिनट पर तक खत्म हो जाएगी। इसलिए उदयातिथि के अनुसार आज 30 दिसंबर 2022, शुक्रवार को दुर्गाष्टमी व्रत रखा गया है।
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दुर्गा अष्टमी व्रत पूजा विधि
दुर्गा अष्टमी के दिन व्रत करने वालों को बता दें कि पूजा के स्थान को सबसे पहले गंगाजल डालकर शुद्ध कर लें। इसके बाद लकड़ी के पाट पर लाल कपड़ा बिछाकर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करें। माता दुर्गा का अक्षत, सिंदूर से तिलक करें। उन्हें लाल फूल चढ़ाएं। फल और मिठाइयों का भोग लगाएं। फिर उन्हें धूप-दीप दिखाएं। पूजा के अंतिम चरण में दुर्गा चालीसा का पाठ जरूर करें। आखिर में मां दुर्गा की आरती करें और प्रार्थना करें कि वह आपके जीवन की सभी मुश्किलों को आसान करे और परेशानियों को दूर करे। साथ ही आपकी मनोकामनाओं को पूरा करे।
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– ऐसा करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और जीवन में सुख समृद्धि आती है।
– दुर्गा अष्टमी के दिन नॉनवेज, शराब जैसी तामसिक चीजों का सेवन न करें।
– आज के दिन सात्विक भोजन ही करें।
– दुर्गा अष्टमी के दिन किसी महिला का अपमान न करें। वैसे तो किसी भी दिन महिलाओं का अपमान नहीं करना चाहिए, लेकिन दुर्गाअष्टमी के दिन किसी भी महिला का अपमान करना आप पर भारी पड़ सकता है।
– इससे मां लक्ष्मी नाराज होती हैं और जीवन में कंगाली लाती हैं।
– यदि दुर्गा अष्टमी का व्रत रख रहे हैं, तो बार-बार पानी न पिएं।
– गुटखा, सिगरेट जैसी चीजों का सेवन भी न करें।
– दुर्गा अष्टमी के दिन किसी से झूठ बोलना, किसी को धोखा देना, मन में बुरे भाव लाने से आप पाप के भागी बन जाते हैं।
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