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Masik Shivratri: मासिक शिवरात्रि पर ऐसे करें पूजा, कुवांरी कन्याओं के विवाह से जुड़ा है इसका महत्व

Masik Shivratri 2025 January: मासिक शिवरात्रि पर जो भक्त विधि विधान से भगवान शिव की उपासना करते हैं। उनकी हर मनोकामना को महादेव पूरी करते हैं।

जयपुरJan 24, 2025 / 10:24 am

Sachin Kumar

मासिक शिवरात्रि 2025

Masik Shivratri 2025: हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि का विशेष महत्व है। यह हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। शिवरात्रि का दिन महादेव को समर्पित है। इस दिन भवान शिव अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं। साथ ही इस शुभ दिन पर कुवांरी कन्याएं मनचाह वर पाने के लिए व्रत करती है। तो आइए जानते हैं मासिक शिवरात्रि की पूजा विधि और महत्व।
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मासिक शिवरात्रि की पूजा विधि

स्नान और शुद्धता: मासिक शिवरात्रि के दिन ब्रह्ममुहूर्त में स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें।

भगवान शिव का अभिषेक: शिवलिंग का गंगाजल, दूध, शहद, दही और शुद्ध जल से अभिषेक करें। यह अभिषेक भगवान शिव को प्रसन्न करने का सबसे सरल तरीका है।
व्रत का पालन: व्रत रखना शिवरात्रि की पूजा का एक अभिन्न हिस्सा है। व्रत रखने वाले व्यक्ति को फलाहार करना चाहिए और दिनभर भगवान शिव का स्मरण करना चाहिए।

पंचामृत का उपयोग: पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और चीनी) से अभिषेक करने के बाद बेलपत्र, धतूरा, फूल और भस्म अर्पित करें।
शिव मंत्र का जाप: ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें। इसे 108 बार या अधिक करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

रात्रि जागरण और ध्यान: मासिक शिवरात्रि पर रात्रि जागरण का विशेष महत्व है। रातभर भगवान शिव की कथा सुनें, भजन-कीर्तन करें और ध्यान लगाएं।

अविवाहित कन्याओं से जुड़ा महत्व

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार कुवांरी कन्यांए भगवान शिव से अच्छे वर की कामना करती हैं। हर सोमवार के दिन व्रत करती हैं शिवलिंग पर जल अर्पित करती है। लेकिन मासिक शिवरात्रि का महत्व इस लिए बढ़ जाता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती विवाह के पवित्र बंधन में बंधे। इस लिए कंवारी कन्याएं मासिक शिवरात्रि पर महादेव की पूजा करती हैं। और उनसे अपने विवाह के लिए गुणवान पति की कामना करती हैं।

योग्य जीवनसाथी का मिलता है वरदान

ऐसा माना जाता है जो कन्याएं मासिक शिवरात्रि के शुभ दिन पर विधि पूर्वक व्रत और पूजा करती हैं। महादेव उनकी हर मनोकामना पूरी करते हैं। साथ ही उन्हें योग्य जीवन साथी प्राप्त होता है। भगवान शिव स्वास्थ्य, धन, और समृद्धि का वरदान भी देते है। मासिक शिवरात्रि पर शिवलिंग की पूजा करने से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और घर में सुख-शांति का वातावरण बनता है।

मनुष्य को कष्टों से मिलती है मुक्ति

मासिक शिवरात्रि का महत्व केवल सांसारिक इच्छाओं तक सीमित नहीं है। यह आत्मा की शुद्धि और मोक्ष की प्राप्ति का भी मार्ग है। भगवान शिव को “मोक्षदाता” कहा जाता है। मासिक शिवरात्रि पर उनकी आराधना करने से व्यक्ति अपने जीवन के सभी कष्टों से मुक्त हो सकता है।
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डिस्क्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारियां पूर्णतया सत्य हैं या सटीक हैं, इसका www.patrika.com दावा नहीं करता है। इन्हें अपनाने या इसको लेकर किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले इस क्षेत्र के किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

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