अन्य मुहूर्त
अभिजित मुहूर्त 11.56 एएम से 12.46 पीएम
अमृत कालः 6.10 एएम से 7.41 एएम और 14 अप्रैल को 3.14 एएम से 4.44 एएम मासिक जन्माष्टमी का महत्व
मान्यता है कि भगवान विष्णु के नौवें अवतार श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था। इसलिए भक्त हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक जन्माष्टमी मनाते हैं और भगवान की पूजा अर्चना कर उत्सव मनाते हैं।
मासिक कृष्ण जन्माष्टमी पूजा से सभी पापों का नाश होता है, मनोकामनाएं पूरी होती हैं। बाल गोपाल की पूजा से संतान की प्राप्ति होती है और भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन श्रीकृष्ण के साथ वसुदेव, देवकी, नंद बाबा, मैया यशोदा भाई बलराम और बहन सुभद्रा की भी पूजा की जाती है।
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मासिक जन्माष्टमी पूजा विधि
1. सुबह उठकर मंदिर की सफाई करें और दैनिक क्रियाओं से निवृत्त होकर स्नान ध्यान के बाद व्रत का संकल्प लें।
2. भगवान की प्रतिमा के सामने धूप बत्ती और दीया जलाएं।
मासिक जन्माष्टमी पूजा विधि
1. सुबह उठकर मंदिर की सफाई करें और दैनिक क्रियाओं से निवृत्त होकर स्नान ध्यान के बाद व्रत का संकल्प लें।
2. भगवान की प्रतिमा के सामने धूप बत्ती और दीया जलाएं।
3. श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा करें।
4. माखन, मिश्री, मेवा, पंचामृत (तुलसी दल मिला हुआ) का भोग लगाएं।
5. आरती कर प्रसाद बांटे और पूजा में त्रुटि के लिए क्षमा मांगे।