धर्म-कर्म

मणिकर्णिका स्नान- यहां स्नान करने वाले मनुष्य की आत्मा सीधे बैकुण्ठ में जाती

मणिकर्णिका स्नान- यहां स्नान करने वाले मनुष्य की आत्मा सीधे बैकुण्ठ में जाती

Nov 21, 2018 / 01:34 pm

Shyam

मणिकर्णिका स्नान- यहां स्नान करने वाले मनुष्य की आत्मा सीधे बैकुण्ठ में जाती

हिन्दू धर्म में मणिकर्णिका घाट पर स्नान करने का बहुत अधिक महत्व माना जाता हैं । शिवजी की प्रिय औऱ पवित्र नगरी काशी में यह सबसे प्रसिद्ध और पुरातन श्मशान घाट है । कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चौदस तिथि यानी की बैकुण्ठ चतुर्दशी के दिन यहां स्नान का विशेष महत्व बताया गया है । इस साल 2018 में 22 नवंबर दिन गुरुवार को मणिकर्णिका स्नान किया जायेगा । ऐसी मान्यता हैं कि इस स्थान पर बैकुण्ठ चतुर्दशी के दिन स्नान करने वाले मनुष्य की मरने के बाद आत्मा जन्म मृत्यु के बंधन से मुक्त हो जाती हैं, अर्थात सीधे बैकुण्ठ में जाती हैं ।


मणिकर्णिका श्मशान घाट को अतिप्राचीन बताया जाता है, कहा जाता है कि भूतभावन भगवान शिवजी इस स्थान पर अपने औघढ़ स्वरूप में सैदव निवास करते हैं । इस श्मशाम में चिता की आग कभी ठंडी नही होती । यहां अंतिम क्रिया के बाद मृतक को सीधा मोक्ष प्राप्त होता है । यहां शिवजी एवं मां दुर्गा का प्रसिद्ध मंदिर है ।


यहीं गिरा था माता सती का कुंडल
हिन्दू शास्त्रों में एक कथा आती हैं कि जब दक्ष के यज्ञ की अग्नि में माता सती ने अपनी देह को समर्पित कर दिया था, तब आहत शिवजी ने उनके मृत शरीर को अपने कंधे पर लेकर ब्रह्माण्ड में घूमने लगे तो, तभी भगवान विष्णु ने सती के शरीर को अपने सुदर्शन से खंड-खंड कर दिया । जिसके बाद 51 शक्तिपीठों का निर्माण हुआ । कहा जाता हैं कि वाराणसी के इस घाट पर माता सती के कान का कुंडल गिरा था, इसीलिए इस स्थान को मणिकर्णिका कहा जाता हैं ।


इस समय करना चाहिए स्नान
कहा जाता हैं कि मणिकर्णिका घाट पर सबसे पहले स्वयं भगवान विष्णु जी ने स्नान किया था । यहां बैकुण्ठ चौदस की रात्रि के तीसरे प्रहर में स्नान करने से मुक्ति मिल जाती हैं । इस दिन यानी की कार्तिक मास की चतुर्दशी तिथि के दिन यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु भक्त स्नान करने आते हैं ।

Hindi News / Astrology and Spirituality / Dharma Karma / मणिकर्णिका स्नान- यहां स्नान करने वाले मनुष्य की आत्मा सीधे बैकुण्ठ में जाती

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.