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अगर किसी लड़के-लड़की की कुंडल के लग्न, चतुर्थ, सप्तम, आठवें या बाहरवें भाव में हो तो मंगल दोष होता है, जिसे मांगलिक दोष कहा जाता है। अगर मंगल का लग्न आठवें भाव में होता है, तब ये बहुत ही गंभीर माना जाता है, मांगलिक दोष की समस्या सबसे ज्यादा तब सामने आती है, जब किसी परिवार में शादी विवाह की बात शुरू होती है तब। क्योंकि ऐसा कहा जाता है की मांगलिक लड़के की शादी केवल मांगलिक लड़की और मांगलिक लड़की की शादी मांगलिक लड़के से ही होती है, नहीं तो आने वाले भविष्य में उनका वैवाहिक जीवन कठिनाइयों से भर जाता है।
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मांगलिक दोष से मुक्ति के उपाय
1- अगर कोई लड़की मांगलिक है तो उसके मांगलिक दोष निवारण हेतु उसका पीपल विवाह, कुंभ विवाह, शालिग्राम विवाह आदि करने के बाद मंगल यंत्र का पूजन करने से इस दोष का प्रभाव कम हो जाता है।
2- ज्योतिष के अनुसार कभी कभी 28 वर्ष की उम्र के बाद मांगलिक दोष अपने आप ही खत्म हो जाता है। यदि मंगल मेष, कर्क, वृश्चिक, या मकर राशि हो तो भी मंगल दोष खत्म हो जाता है।
3- अगर जन्म कुंडली में मंगल दोष हो, लेकिन शनि मंगल पर दृष्टिपात करें, तो मंगल दोष खत्म हो जाता है। मकर लग्न में मकर राशि का मंगल और सप्तम स्थान में कर्क राशि का चंद्र हो तो मंगल दोष खत्म हो जाता है।
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4- मांगलिक व्यक्ति की कुंडली के सामने मंगल वाले स्थान को छोड़ कर दूसरे स्थानों में पाप ग्रह हों तो दोष खत्म हो जाता है। उसे फिर मांगलिक दोष रहित माना जाता है और केंद्र में चंद्रमा 1, 4, 7, 10 वें भाव में हो तो मांगलिक दोष पूरी तरह से दूर हो जाता है।
5- मंगल यंत्र का उपयोग विशेष परिस्थिति में ही करना चाहिए, देरी से विवाह, संतान उत्पन्न की समस्या, तलाक, दाम्पत्य सुख में कमी एवं कोर्ट केस इत्यादि में ही इसका उपयोग करना चाहिए। किसी भी छोटे कार्य के लिए मंगल यंत्र का उपयोग करना वर्जित होता है।
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