यहां सैकड़ों किन्नर कर रहे गायत्री मंत्र का जप और लेखन
कुछ लोग प्रतिदन तो कुछ मंगलवार और शनिवार के दिन पूरी श्रद्धा के साथ हनुमान जी की पूजा उपासना करते हैं। हनुमान जी हमेशा सबकी सेवा सहायता में तत्पर रहते हैं इसलिए तो शनिदेव ने हनुमान जी से प्रसन्न होकर वरदान दिया था कि जो कोई भी उनकी पूजा आराधना करेगा, उन्हें शनि से संबंधित कोई भी दोष कभी नहीं लगेगा।
हनुमान जी की पूजा करते समय इन सावधानियों का ध्यान अवश्य रखें।
1- श्री हनुमान जी का पूरा जीवन भगवान श्री राम की भक्ति और सेवा के लिए समर्पित था और आजीवन ब्रह्मचर्य का पालन किया। जो कोई भी जीवन में श्री हनुमत महाप्रभु का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं उन्हें ब्रह्मचर्य का पालन अवश्य करना चाहिए, विवाहित भी जो हनुमान जी की पूजा करते हैं उन्हें पूजा वाले दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
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2- हनुमान जी की पूजा उपासना में पवित्रता व साफ़-सफाई का विशेष महत्तव माना जाता, बिना स्नान किये पूजा पर नहीं बैठना चाहिए, अपने पूजा स्थल को साफ़ रखें, स्वस्थ व साफ़ कपड़े पहनकर ही पूजा करें। ऐसा करने से हनुमान जी शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं।
3- अगर कोई व्यक्ति मांसाहार करता है उन्हें भूलकर भी हनुमान जी की पूजा नहीं करना चाहिए, ऐसे व्यक्ति पर श्री हनुमान क्रोधित हो उन्हें दण्डित करते है, हनुमान जी के उपासक को शाकाहारी जीवन ही जीना चाहिए ।
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4- स्त्रियां हनुमान जी को सीधे वस्त्र या चोला अर्पित नहीं करेें, यदि ऐसा करना चाहती है तो वह अपने पुत्र या पति के माध्यम से यह कार्य कर सकती है, नहीं तो हनुमान जी के कोप का सामना करना पड़ सकता है। विशेष रूप से माहवारी के दिनों में स्त्रियों को हनुमान जी ही नहीं अन्य किसी भी प्रकार की पूजा नहीं करनी चाहिये ।
उपरोक्त नियमों के साथ हनुमान जी का पूजन करने से हनुमान जी एक साथ कई मनोकामना पूरी कर देते है। इसके साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ एवं उनके मंत्रों का जप करना चाहिए।
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