धर्म-कर्म

मकर संक्रांति के दिन भगवान राम भी करते थे ये काम- हर मनोकामना हो जाती थी पूरी

मकर संक्रांति के दिन भगवान राम भी करते थे ये काम- हर मनोकामना हो जाती थी पूरी

Jan 14, 2019 / 04:41 pm

Shyam

मकर संक्रांति के दिन भगवान राम भी करते थे ये काम- हर मनोकामना हो जाती थी पूरी

मकर संक्रांति का दिन उनकी पूजा आराधना का दिन होता जिनसे इस सृष्टि का संचालन सुचारू रूप से चलायमान हो रहा हैं यानी की धरती के प्रत्यक्ष भगवान सूर्य नारायण । शास्त्रों में कहा गया हैं सूर्य देव के प्रातः दर्शन कर जल चढ़ाने से मनुष्य के जीवन में सफलता, शांति और शक्ति की प्राप्ति होती हैं । भगवान राम रोज तो सूर्य देव की आराधना करते ही थे लेकिन खासकर मकर संक्रांति के दिन राम जी सूर्यदेव की पूजा उपासना, मंत्र जप आदि करने के बाद सूर्यदेव की इस स्तुति व आरती को करते ही थे, जिससे भगवान सूर्य नारायण प्रसन्न होकर हर मनोकामना पूरी कर देते थे । आप जरूर करें मकर संक्रांति के दिन इस स्तुति को जरूर करें, मनोकामनाएं हो जायेंगी पूरी ।

 

।। अथ सूर्य स्तुति ।।


जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन ।।
त्रिभुवन – तिमिर – निकन्दन, भक्त-हृदय-चन्दन ॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन ।।

सप्त-अश्वरथ राजित, एक चक्रधारी ।
दु:खहारी, सुखकारी, मानस-मल-हारी ॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन ।।

 

सुर – मुनि – भूसुर – वन्दित, विमल विभवशाली ।
अघ-दल-दलन दिवाकर, दिव्य किरण माली ॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन ।।

सकल – सुकर्म – प्रसविता, सविता शुभकारी ।
विश्व-विलोचन मोचन, भव-बन्धन भारी ॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन ।।

 

कमल-समूह विकासक, नाशक त्रय तापा ।
सेवत साहज हरत अति मनसिज-संतापा ॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन ।।

नेत्र-व्याधि हर सुरवर, भू-पीड़ा-हारी ।
वृष्टि विमोचन संतत, परहित व्रतधारी ॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन ।।

सूर्यदेव करुणाकर, अब करुणा कीजै ।
हर अज्ञान-मोह सब, तत्त्वज्ञान दीजै ॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन ।।

***********************

 

।। सूर्य देव की आरती ।।

ऊँ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान ।
जगत् के नेत्र स्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा ।
धरत सब ही तव ध्यान, ऊँ जय सूर्य भगवान ।।

सारथी अरूण हैं प्रभु तुम, श्वेत कमलधारी। तुम चार भुजाधारी ।।
अश्व हैं सात तुम्हारे, कोटी किरण पसारे। तुम हो देव महान ।।
ऊँ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान ।।

ऊषाकाल में जब तुम, उदयाचल आते। सब तब दर्शन पाते ।।
फैलाते उजियारा जागता तब जग सारा। करे सब तब गुणगान ।।
ऊँ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान ।।


***************

Hindi News / Astrology and Spirituality / Dharma Karma / मकर संक्रांति के दिन भगवान राम भी करते थे ये काम- हर मनोकामना हो जाती थी पूरी

Copyright © 2025 Patrika Group. All Rights Reserved.