धार्मिक मान्यता है कि आज के दिन सूर्य देव उत्तरायण से दक्षिणायन होते हैं। इस दिन सूर्यदेव मकर राशि में प्रवेश करते हैं। मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव के मंत्र और स्तोत्र का जाप करते हुए अर्घ्य देना बहुत ही शुभ माना जाता है। आइए जानते हैं इसका महत्व।
Makar Sankranti 2025: क्यों मनाया जाता है मकर संक्रांति का पर्व, जानिए इसका महत्व
ॐ सवित्रे नमः
ॐ वरुणाय नमः
ॐ सप्तसप्त्य नमः
ॐमार्तण्डाय नमः
ॐ आदित्य: नम:
ॐ सप्तार्चिषे नम:
ॐ ऋगमंडलाय नमः
ॐ विष्णवे नमः
ॐ घृणि सूर्याय नम:
ॐ घृणिं सूर्य्य: आदित्य:
ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः
ॐ घृणि सूर्यादित्योम
Makar Sankranti 2025: इन मंत्रों के साथ सूर्य देव को जल चढ़ाएं (Offer water to Sun God with these mantras)
ॐ सूर्याय नम:ॐ सवित्रे नमः
ॐ वरुणाय नमः
ॐ सप्तसप्त्य नमः
ॐमार्तण्डाय नमः
ॐ आदित्य: नम:
ॐ सप्तार्चिषे नम:
ॐ ऋगमंडलाय नमः
ॐ विष्णवे नमः
ॐ घृणि सूर्याय नम:
ॐ घृणिं सूर्य्य: आदित्य:
ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः
ॐ घृणि सूर्यादित्योम
सूर्यदेव के ये मंत्र आपकी पूजा को करेंगे सिद्ध (These mantras of Sun God will prove your worship)
ॐ ह्रां, ह्रीं, ह्रौं स: सूर्याय नमःओम घृणिं सूर्य्य: आदित्य:
ओम ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणाय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा
ओम ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः
ओम ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:
ओम ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ओम
ॐ भाष्कराय विद्महे दिवाकराय धीमहि तन्नो
इन मंत्रों के साथ अर्घ्य देने से शुभफल मिलने का आसार (Chances of getting auspicious results by offering Arghya with these mantras)
सूर्य: प्रचोदयात्ॐ घृणि सूर्याय नम:
ॐ घृणिं सूर्य्य: आदित्य:
ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः
ॐ घृणि सूर्यादित्योम
ॐ ह्रां, ह्रीं, ह्रौं स: सूर्याय नमः
ओम घृणिं सूर्य्य: आदित्य:
ओम ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणाय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा
ओम ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः
इन मंत्रों के साथ सूर्यदेव की पूजा होती है सफल (Worship of Sun God is successful with these mantras)
ओम ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:ओम ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ओम
ॐ भाष्कराय विद्महे दिवाकराय धीमहि तन्नो सूर्य: प्रचोदयात्
ओम ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः
ओम ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:
ओम ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ओम
ॐ भाष्कराय विद्महे दिवाकराय धीमहि तन्नो सूर्य: प्रचोदयात्
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सूर्य देव को अर्घ्य देने से पहले करें ये काम (Do this work before offering water to Sun God)
भगवान सूर्य देव को अर्घ्य देने से पहले हमें सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। इसके बाद सूर्य देव के तरफ मुंह करके उनको प्रणाम करना चाहिए और उनसे अपनी प्रर्थना स्वीकार करने की भगवान सूर्यदेव अरदास करनी चाहिए। इसके बाद एक तावें का साफ बर्तन लें और उसमें पवित्र जल भरें। अगर घर पर गंगाजल है तो उसमें गंगा का जल मिश्रित करें। इसके साथ ही इसमें कुछ मीठ ड़ालें। कोशिश करें कि भगवान सूर्यदेव की पहली किरण के साथ ही आप अर्घ्य दें। अर्घ्य देते समय ध्यान रहें कि जल एक धार के साथ जमीन पर गिरना चाहिए, बीच में जल की धार रुकनी नहीं चाहिए। जब लोटा से जल समाप्त हो जाए तो उस जगह पर तीन परिक्रमा करके सूर्य देव को नमन करें। जिस जगह पर खड़े होकर सूर्य देव को जल चढ़ाया है उस स्थान को पूजें।