कहा जाता हैं महाशिवरात्रि पर्व के अगर शिवजी का विधि से पूजन करने का शास्त्रोंक्त विधान हैं, लेकिन किसी कारणवश स्थूल पूजा पाठ ना भी कर पाये तो इस दिन केवल व्रत उपावास ही पूर्ण श्रद्धा के साथ पूरे दिन कर लिया जाये तो शिवजी इस काम अर्थात उपवास से शीघ्र प्रसन्न होकर हम जिस चीज की कामना करते हैं महादेव उसे पूरी कर देते हैं । उपवास रखने साथ पूरे दिन अपने मन को एक छोटे बच्चे की तरह निर्मल व पवित्र जरूर रखे । इससे भगवान दुखों को दूर करने के साथ जीवन में चहु ओर तरक्की का आशीर्वाद भी देते हैं ।
महाशिवरात्रि के दिन अगर संभव हो तो स्फटिक के शिवलिंग को शुद्ध गंगा जल, दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से स्नान करवाकर धूप-दीप जलाकर पूजन करने के बाद, शिव मंत्रों का जप करने से समस्त बाधाओं का शमन होता है । अगर कोई बीमार हो तो महाशिवरात्रि के दिन शहद से 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का उच्चारण करते हुये अभिषेक करने से शीघ्र लाभ होता हैं । साथ ही इस दिन रुद्राक्ष की माला से 1100 बार महामृत्युंजय मंत्र का जप करने से जीवन में अत्यंत चमत्कारी लाभ होते है ।
महामृत्युंजय मंत्र
।। ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ।।