महाभारत के युद्ध में योद्धाओं को खाना बनाकर खिलाने वाला शख्स का विशेष योगदान है। यह महाभारत के महत्वपूर्ण पात्रों में से एक थे। जिनका नाम उडुपी था। मान्यता है कि यह उडुपी के राजा थे। जो अब कर्नाटक राज्य में स्थित है। राजा उडुपी को उडुपी भोजक के नाम से जाना जाता था। इस क्षेत्र के भोजक (रसोइया) राजा को उनकी पाक-कला में अद्वितीय निपुणता के लिए जाना जाता था।
धर्म का दिया साथ
माना जाता है कि कुरुक्षेत्र के युद्ध में उडुपी राजा ने कौरवों और पांडवों में से किसी भी पक्ष का चयन नहीं किया था। उनकी भूमिका तटस्थ बनी रही। लेकिन उन्होंने धर्म के प्रति अपनी निष्ठा के कारण पांडवों की अधिक मदद की।
महाभारत में उडुपी राजा की भूमिका
उडुपी के राजा की मुख्य भूमिका युद्ध के दौरान पांडवों और उनके सभी योद्धाओं के भोजन की व्यवस्था करना थी। उनके द्वारा बनाई गई व्यवस्था इतनी अद्वितीय थी कि उन्होंने प्रत्येक योद्धा की भूख और जरूरतों के अनुसार भोजन तैयार किया।
उडुपी के पास थी दिव्य दृष्टि
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा माना जाता है कि राजा उडुपी के पास एक दिव्य दृष्टि थी। जिससे वह देख सकते थे कि प्रत्येक योद्धा को कितने भोजन की आवश्यकता है और इसके अलावा उनको क्या चाहिए। उनकी रसोई व्यवस्था युद्ध के दौरान सभी योद्धाओं को ऊर्जावान बनाए रखने में सफल मानी जाती है।