लेकिन इस साल प्रयागराज में महाकुंभ 2025 का आयोजन हो रहा है और देश दुनिया से श्रद्धालु संगम स्नान के लिए पहुंच रहे हैं। लेकिन किसी कारण वश जो लोग प्रयागराज नहीं पहुंच पा रहे हैं, उनके मन में सवाल है कि क्या संगम का जल मंगाकर स्नान करने से उसका फल मिल सकता है। आइये पंडित जी से जानते हैं जवाब ..
तीर्थ यात्रा का महत्व (Pilgrimage Places Tour Importance)
बुंदेलखंड के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनीष तिवारी के अनुसार शास्त्रों में तीर्थ यात्रा का महत्व बताया गया है। तीर्थ स्थल के वातावरण, सकारात्मकता व्यक्ति मानसिक एकाग्रता भगवान के प्रति बढ़ाती है, यह एक तरह तपस्या और समर्पण का प्रतीक है।यही निष्ठा व्यक्ति को शुद्ध और ईश्वर का कृपा पात्र बनाती है। इसलिए महाकुंभ में संगम स्नान का अलग महत्व है, हालांकि गंगाजी पापनाशिनी है फिर भी घर पर संगम के जल से स्नान और महाकुंभ में जाकर संगम स्नान की बराबरी नहीं हो सकती है।
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पं. मनीष तिवारी के अनुसार सिर्फ अवभृथ स्नान (यज्ञ के अंत में किया जाने वाला स्नान) से ही घर बैठे तीर्थ जल से स्नान तीर्थ का पुण्यफल देता है। क्योंकि शास्त्रों के अनुसार ऐसे समय जिस जगह यज्ञ हुआ है वह स्थान ही तीर्थ स्थल हो जाता है।
ऐसे मिल सकता है संगम स्नान का घर पर फल (Kab Ghar Par Milta Hai Teerth Ka Fal )
पं. मनीष तिवारी के अनुसार सिर्फ अवभृथ स्नान (यज्ञ के अंत में किया जाने वाला स्नान) से ही घर बैठे तीर्थ जल से स्नान तीर्थ का पुण्यफल देता है। क्योंकि शास्त्रों के अनुसार ऐसे समय जिस जगह यज्ञ हुआ है वह स्थान ही तीर्थ स्थल हो जाता है।पं मनीष तिवारी ब्रह्म नित्य कर्म समुच्चय, प्रतिष्ठा महोदधि, पंच कर्म प्रदीप का उल्लेख करते हुए कहते हैं कि जब यज्ञादि के लिए संगम का जल लाते हैं, जल मात्रिकाओं की पूजा करते हैं, कलश की पूजा करते हैं, प्रायश्चित, पंचगव्य स्नान, दशविध क्रियाओं को संपन्न करते हैं तब घर पर तीर्थ के जल का वैसा ही संपूर्ण फल मिलता है।