Importance Of Magh Purnima: माघ पूर्णिमा का महत्व
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार पूर्णिमा के दिन को पुण्य और मोक्ष प्राप्ति का दिन माना गया है। इस शुभ अवसर पर गंगा, यमुना और सरस्वती जैसी पवित्र नदियों में स्नान करना पुण्यफल प्रदान करता है। इसके साथ ही मनुष्य के पापों का नाश होता है और आत्म शुद्धि मिलती है। इसके अलावा यह दिन भगवान विष्णु और शिव की पूजा के लिए भी खास है। माघ मास में नियमित स्नान, दान और व्रत से जीवन में सुख-समृद्धि आती है। माघ पूर्णिमा के दिन किए गए दान, जैसे अनाज, वस्त्र, या धन, का पुण्य कई गुना अधिक होता है।
Full Moon Date Auspicious Time: पूर्णिमा तिथि शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार माघ पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 11 जनवरी मंगलवार को शाम 06 बजकर 55 मिनट पर होगी। वहीं अगले दिन 12 जनवरी दिन बुधवार को शाम 07 बजकर 22 मिनट पर संपन्न होगी।
Purnima Puja Method: पूर्णिम पूजा विधि
स्नान: माघ पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठकर गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करें। यदि नदी में स्नान संभव न हो, तो घर पर ही स्नान करते समय जल में गंगाजल मिलाएं। पूजा: भगवान विष्णु और शिव का अभिषेक करें। उन्हें तिल, गुड़, और फूल अर्पित करें।
दान-पुण्य: इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र और दान देना अत्यंत शुभ माना जाता है।
सत्संग और कथा: इस दिन धार्मिक ग्रंथों का पाठ करें और भागवत कथा सुनें।
Religious Activities Related To Magh Purnima: माघ पूर्णिमा से जुड़े धार्मिक कार्य
गंगा स्नान: माघ मास में गंगा स्नान को सर्वाधिक पुण्यदायी माना गया है। यह मोक्ष प्राप्ति और पापों के नाश का मार्ग है। तर्पण और श्राद्ध: पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण और श्राद्ध कर्म किए जाते हैं।
ध्यान और साधना: इस दिन ध्यान और साधना करने से आत्मिक शांति मिलती है।
माघ पूर्णिमा केवल धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि आत्मा की शुद्धि और धर्म के प्रति आस्था का प्रतीक है। यह दिन हमें प्रकृति, जीवन, और ईश्वर के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का अवसर देता है।
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