सुख-सौभाग्य और मोक्ष देने वाला महीना
डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि माघ मास में हर दिन प्रयाग संगम पर नहाने से सुख, सौभाग्य, धन और संतान प्राप्ति होती है और मृत्यु के बाद मोक्ष भी मिल जाता है। भगवान विष्णु का धाम मिलता है। पूरे माघ महीने में प्रयागराज के संगम में नहाने से कई यज्ञों को करने जितना पुण्य भी मिलता है।साथ ही सोना, भूमि और गौदान करने का पुण्य भी माघ मास में तीर्थ स्नान करने से मिलता है। सूर्योदय से पहले गंगा में स्नान करने के बाद पूजा और सूर्यदेव को अर्घ्य देना चाहिए।
अगर गंगा स्नान के लिए जाना संभव न हो तो घर में नहाने के पानी में गंगाजल की कुछ बूंदें मिलाकर भी कर सकते हैं। इसके बाद पूजा-पाठ करके साधु-संतों और जरूरमंतों को दान देना चाहिए। ऐसा करने से जाने-अनजाने में हुए पापों से मुक्ति मिलती है। इससे हमारे भाग्य के द्वार खुलते हैं।
ये भी पढ़ेंः
Magh Mah Dharmik Kary: माघ महीने में इस काम से धनवान कुल में होता है जन्म, पढ़ें माघ मास की कथा
माघ में इस काम से होगी हर मनोकामना पूरी
डॉ. अनीष व्यास के अनुसार माघ महीने में भगवान कृष्ण की पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। माघ में श्रीकृष्ण की पूजा से पहले सुबह तिल, जल, फूल और कुश लेकर पूजा का संकल्प लेना चाहिए। फिर श्रीकृष्ण की प्रार्थना और पूजा करें।घर में शुद्धता से बने पकवानों का भोग लगाएं। उसमें तुलसी के पत्ते जरूर डालें। माना जाता है इस तरह पूरे महीने भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से हर तरह की परेशानियां दूर होती हैं और घर में सुख-समृद्धि रहती है।
व्रत और पूजा
डॉ. अनीष व्यास के अनुसार माघ महीने में भगवान विष्णु के वासुदेव रूप की पूजा भी की जाती है। साथ ही उगते हुए सूरज को अर्घ्य देना चाहिए। इस महीने सूर्य के त्वष्टा रूप की पूजा करनी चाहिए।पुराणों में बताया गया है कि इस महीने में भगवान कृष्ण और शिवजी की पूजा भी करनी चाहिए। शिव पूजा में तिल के तेल का दीपक लगाने से शारीरिक परेशानियां नहीं होती। धर्म ग्रंथों में कहा गया है कि माघ महीने के दौरान मंगल और गुरुवार का व्रत करने का विशेष फल मिलता है।
ये भी पढ़ेंः Magh Mas Ke Upay: माघ में राशि अनुसार करें ये धार्मिक काम, ग्रह दोष हो सकते हैं दूर, जानें क्यों पड़ा ये नाम
स्नान-दान
महाभारत और पुराणों में कहा गया है कि इस महीने में सूर्योदय से पहले उठकर गंगा या अन्य पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए। लेकिन महामारी के दौर को देखते हुए विद्वानों का कहना है कि ऐसा न हो पाए तो घर पर ही पानी में गंगाजल की कुछ बूंदे डालकर नहाने से तीर्थ स्नान का पुण्य मिल जाता है। साथ ही पानी में तिल डालकर नहाना चाहिए। इससे कई जन्मों के पाप खत्म होते हैं। इस महीने तांबे के बर्तन में तिल भरकर दान करना चाहिए।व्यवहार को ऐसा रखें
डॉ. अनीष व्यास के अनुसार माघ धर्म कार्य, अनुशासन, कल्पवास का महीना है। इस महीने भगवान विष्णु और कृष्ण की उपासना श्रेष्ठ कार्य माना जाता है। इसलिए इस महीने में कोई व्यक्ति कुछ मांगने आए तो उसे खाली हाथ न जानें दें। इसके अलावा इस महीनें में पवित्र नदियों में स्नान करें और तामसिक भोजन से परहेज करें। इसी को कड़ी बात न कहें मोह, ईर्ष्या, लोभ से खुद को दूर करें। माघ मास में तिल और गुड़ का सेवन और दान करें।