आद्यशक्ति माँ दुर्गा का कात्यायनी स्वरूप छटा रूप होता हैं । माँ कात्यायनी देवी के बीज मंत्र का जप नवरात्र में करने से माता के आशीर्वाद के रूप में विवाह, नौकरी, मकान, संतान, व्यापार जैसी अनेक इच्छाएं पूरी हो जाती हैं ।
माँ कात्यायनी का तांत्रिक बीज मंत्र
।। ॐ ह्रीं क्लीं कात्यायने नमः ।।
इस मंत्र की जप विधि
साधक नवरात्र के दिनों में नौ दिनों तक घर के पूजा स्थल या किसी प्राचीन देवी मंदिर में कुशा के आसन पर बैठकर पूर्व दिशा की ओर अपना मुख करके बैठ जायें । माता के सामने गाय के घी का दीपक जलाएं, साथ ही एक तांबे के लोटे में शुद्ध जल का भरकर कलश के रूप रखें । दाहिने हाथ में संकल्प के लिए अक्षत व जल लेकर- इस प्रकार संकल्प लें- मैं…..अपना नाम बोले, गोत्र…..अपना गोत्र बोलने के बाद अपनी जो भी इच्छा हैं उसे पूरा करने के लिए माँ कात्यायनी से निवेदन करें । अब हाथ की सामग्री माता के चरणों में इस मंत्र को बोलते हुए छोड़ दें ।
ॐ श्री विष्णवे नमः, ॐ श्री विष्णवे नमः, ॐ श्री विष्णवे नमः ।।
मंत्र जप में इन बातों का ध्यान रखे
1- नो दिनों तक एक ही समय पर ही मंत्र का जप करें ।
2- पहले दिन जितनी माला का जप किया है, बाकी दिनों में भी उतनी ही माला का जप करना हैं ।
3- मंत्र का जप मन ही मन करें ।
4- एक ही समय घर का बना बिना लहसन, प्याज का भोजन करें ।
5- संभव हो तो 9 दिनों तक भूमि पर शयन करें ।