देवी कालरात्रि की देह से उत्सर्जित होने वाली शक्तिशाली ऊर्जा को ग्रहण करने के लिए नवरात्रि में देवी कालरात्रि को गुड़ का प्रसाद चढ़ाना चाहिए। इनकी पूजा के लिए ऊँ श्री कालिकायै नमः या ऊँ क्रीं ह्रुं ह्रीं मंत्र का जाप करना चाहिए। यहां पढ़ें मां काली की आरती ..
॥ आरती देवी कालरात्रि जी की ॥
कालरात्रि जय जय महाकाली।काल के मुंह से बचाने वाली॥ दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा।
महाचंडी तेरा अवतारा॥ पृथ्वी और आकाश पे सारा।
महाकाली है तेरा पसारा॥ खड्ग खप्पर रखने वाली।
दुष्टों का लहू चखने वाली॥
कलकत्ता स्थान तुम्हारा।
सब जगह देखूं तेरा नजारा॥ सभी देवता सब नर-नारी।
गावें स्तुति सभी तुम्हारी॥ रक्तदन्ता और अन्नपूर्णा।
कृपा करे तो कोई भी दुःख ना॥ ना कोई चिंता रहे ना बीमारी।
ना कोई गम ना संकट भारी॥
सब जगह देखूं तेरा नजारा॥ सभी देवता सब नर-नारी।
गावें स्तुति सभी तुम्हारी॥ रक्तदन्ता और अन्नपूर्णा।
कृपा करे तो कोई भी दुःख ना॥ ना कोई चिंता रहे ना बीमारी।
ना कोई गम ना संकट भारी॥
उस पर कभी कष्ट ना आवे।
महाकाली माँ जिसे बचावे॥ तू भी भक्त प्रेम से कह।
कालरात्रि माँ तेरी जय॥ ये भी पढ़ेंः Maa Katyayani Ki Aarti: मां कात्यायनी की आरती से मिलता है अनोखा वरदान, बदल जाता है जीवन
महाकाली माँ जिसे बचावे॥ तू भी भक्त प्रेम से कह।
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