जीवनदायिनी मां गंगा, जानें गंगा स्नान की अद्भूत महिमा
पांच दीपक जलाकर मां गंगा की आरती
पतित पावनी मां गंगाजी का नाम लेने मात्र से धुल जाते हैं सभी पाप। सप्तऋषियों, ऋषियों व अनेक साधु महात्माओं ने अपनी प्रचण्ड तपस्या के लिए दिव्य हिमालय की छांव तले गंगा की गोद को अपनी तपस्थली के रूप में चुना। अगर मां गंगा की कृपा पाने चाहते हो तो आज शाम को साक्षात गंगा में या फिर अपने घर पर आटे के पांच दीपक जलाकर मां गंगा की आरती श्रद्धापूर्वक करने से व्यक्ति की एक साथ कई मनोकामना पूरी हो जाती है।
भगवान विष्णु के इस मंत्र का जप करने से हो जाती है अनेक मनोकामना पूरी
सात पीढ़ियों तक का उद्धार
ऋषि भागीरथ जी ने कठोर तप कर अपने पूर्वजों के उद्धार के लिए स्वर्ग लोक से मां गंगा को धरती पर लाये थे। गंगाजी का जल अमृत के तुल्य बहुगुणयुक्त पवित्र, उत्तम, आयुवर्धक, सर्वरोगनाशक, बलवीर्यवर्धक, परम पवित्र, हृदय को हितकर, दीपन पाचन, रुचिकारक, मीठा, उत्तम पथ्य और लघु होम है तथा भीतरी दोषों का नाशक बुद्धिजनक, तीनों दोषों को नाश करने वाले सभी जलों में श्रेष्ठ है। मां गंगा के दर्शन व स्नान करने पर मनुष्य की सात पीढ़ियों तक का उद्धार होने के साथ जन्म मृत्यु के बन्धनों से मुक्त कर देती।
।। मां गंगा की आरती ।।
ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता ।
जो नर तुमको ध्याता, मन वांशित फल पाता ॥
ॐ जय गंगे माता…
चन्द्र सी ज्योत तुम्हारी, जल निर्मल आता ।
शरण पड़े जो तेरी, सो नर तर जाता ॥
ॐ जय गंगे माता…
पुत्र सगर के तारे, सब जग को ज्ञाता ।
कृपा दृष्टि हो तुम्हारी, त्रिभुवन सुखदाता ॥
ॐ जय गंगे माता…
गंगाजल में स्नान से ऐसे हो जाता है सभी पापों का नाश
एक बार ही जो तेरी, शरणागति आता ।
यम की त्रास मिटाकर, परम गति पाता ॥
ॐ जय गंगे माता…
आरती मात तुम्हारी, जो जान नित्त जाता ।
दास वाही सहज में, मुक्ति को पाता ॥
ॐ जय गंगे माता…
ॐ जय गंगे माता, श्री गंगे माता ।
जो नर तुमको ध्याता, मन वांशित फल पाता ॥
ॐ जय गंगे माता…
ऐसे करें मां गंगा का पूजन, हो जायेगी हर कामना पूरी
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