बगलामुखी मन्त्र जप के नियम
बगलामुखी मन्त्र के प्रारंभ में ह्री या ह्लीं दोनों में से किसी भी बीज का प्रयोग किया जा सकता है। ह्रीं शब्द तब ही लगायें जब आपका धन किसी शत्रु ने हड़प लिया है और ह्लीं का प्रयोग शत्रु को पूरी तरह से परास्त करने के लिए ही करें। इससे शत्रु को वश में करने की अद्भुत शक्ति मिलती है, लेकिन यह सब एक दो दिन में नहीं होगा बल्कि इसके लिए संकल्प लेकर कम से कम 40 दिन का विशेष अनुष्ठान करने का नियम है। समस्या से छूटकारा पाने के लिए माँ बगलामुखी जप के समय पूर्ण श्रद्धा और विशवास माता पर रखें।
बगलामुखी मात बीज मंत्र
ॐ ह्रीं बगलामुखी सर्व दुष्टानाम वाचं मुखम पदम् स्तम्भय। जिव्हां कीलय बुद्धिम विनाशय ह्रीं ॐ स्वाहा।।
कामना पूर्ति के लिए- उपरोक्त मंत्र का जप 40 दिनों तक तक 108 बार सुबह शाम करने से माता बगलामुखी सभी मनवांछित कामनाएं पूरी कर देती है।
शत्रु से मुक्ति के लिए- अगर कोई शत्रु परेशान कर रहा और उससे आप मुक्ति पाना चाहते हो तो 40 दिनों तक उसी भाव से इस मंत्र का 108 बार जप करने से शत्रु से मुक्ति मिल जाता है। ॐ ह्लीं बगलामुखी अमुक (शत्रु का नाम लें ) दुष्टानाम वाचं मुखम पदम स्तम्भय स्तम्भय। जिव्हां कीलय कीलय बुद्धिम विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा।।
जिस भी इच्छी की पूर्ति के लिए बगलामुखी माता के उक्त मंत्र का जप करें, जप से विधिवत माँ बगलामुखी का पूजन करें। एवं निश्चित संख्या में जप पूरा होने के बाद गाय के शुद्ध घी से 251 बार हवन करें। हवन में आम, पलाश, गुलर आदि का समिधाओं का उपयोग करें।
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