अशोक नगर के पंचमुखी हनुमान मंदिर के पुजारी पंडित किशनलाल मिश्र के मुताबिक इस सीजन में 15 जुलाई विवाह का अंतिम मुहुर्त है और फिर कोई विवाह मुहुर्त नहीं है। क्योंकि 17 जुलाई को देवशयन एकादशी से 12 नवंबर को देवप्रबोधनी एकादशी तक विवाहों के आयोजन नहीं होते हैं। इससे 12 नवंबर को तुलसी-सालिगराम विवाह तो होगा, लेकिन आमजन के लिए विवाह मुहुर्त 17 नवंबर से शुरू होंगे। इससे लगातार 124 दिन तक बाजार में विवाहों के लिए सामान की खरीदारी पर विराम लग जाएगा, तो शहनाई की गूंज भी रूक जाएगी। इसके अलावा मैरिज गार्डनों में शोरगुल थम जाएगा।
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