कामिका एकादशी पूजा-विधि एवं शुभ मुहूर्त- 28 जुलाई 2019
तनाव प्रबंधन के रामबाण सूत्र, भगवान शंकर के जीवन से
– जटा में गंगा और त्रिनेत्र में अग्नि (जल और आग की दुश्मनी) फिर भी शीतल और शांत।
– चन्द्रमा में अमृत और गले में जहर (अमृत और जहर की दुश्मनी) जीवनदाता और संहारकर्ता।
– शरीर में भभूत और भूत का संग (भभूत और भूत की दुश्मनी) चिंता किस बात की, आदि और अंत।
– गले मे सर्प और पुत्र गणेश का वाहन चूहा और पुत्र कार्तिकेय का वाहन मोर (तीनों की आपस में दुश्मनी) हर परिस्थित में प्रेम से रहे।
– नन्दी (बैल) और मां भवानी का वाहन सिंह (दोनों में दुश्मनी) दोनों की तनाव मुक्त
– एक तरफ तांडव और दूसरी तरफ गहन समाधि (विरोधाभास) हर पल गंभीर, तनाव का प्रश्न ही नहीं।
– देवाधिदेव होकर भी स्वर्ग में नहीं हिमालय में रहते तपलीन रहते। किसी मोह से बंधन नहीं। (बंधनों से ही तनाव पैदा होता है)।
– भगवान विष्णु इन्हें प्रणाम करते हैं और ये भगवान विष्णु को प्रणाम करते हैं। तनाव मुक्त रहने का सबसे सरल उपाय।
चेहरे से खूबसूरत होना बड़ी बात नहीं, दिल से खूबसूरत होना बड़ी बात है- डॉ. अब्दुल कलाम
भगवान शंकर के आसपास सारे तनाव पैदा करने वाले रहते हैं फिर वे सभी तनाव से मुक्त रहते हैं। इससे बड़ा तनाव प्रबंधन का सूत्र और क्या होगा। इतने विरुद्ध स्वभाव के वाहन और गणों के बाद भी, सबको साथ लेकर चिंता से मुक्त रहते हैं, तनाव रहित रहते हैं।
इसके विपरीत हम लोग स्वभाव वाले सास-बहू, दामाद-ससुर, बाप-बेटे, माँ-बेटी, भाई-बहन, ननद-भाभी इत्यादि की नोकझोंक में तनावग्रस्त हो जातें है। कार्यस्थल में विपरीत स्वभाव के लोगों के व्यवहार देखकर हम तनावग्रस्त हो जाते हैं। भगवान शंकर बड़े बड़े राक्षसों से लड़ते है और फिर समाधि में ध्यानस्थ हो जाते हैं और हम छोटी छोटी समस्या में उलझे रहते हैं, जिस कारण नींद तक नहीं आती। इसलिए सावन मास में भगवान शंकर की पूजा तो करें लेकिन साथ ही शिवजी के गुणों को भी जीवन में धारण करने का संकल्प लें, जिससे जीवन में कभी भी तनाव का सामना ही न करना पड़े।
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