धर्म-कर्म

Lord shiv burn Kamdev: कौन थे कामदेव, भगवान शिव ने क्यों कर दिया था भस्म

Lord shiv burn Kamdev: महादेव के तीसरे नेत्र की ज्वाला ने कामदेव को भस्म कर दिया था। जिसके बाद कामदेव अदृश्य रूप में रहते हैं।

जयपुरDec 16, 2024 / 11:55 am

Sachin Kumar

Lord shiv burn Kamdev

Lord shiv burn Kamdev: हिंदू धर्म में काम देव को प्रेम और कामना का देवता माना जाता है। वहीं धार्मिक कथाओं के अनुसार यह भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के पुत्र हैं। कामदेव को मनोहर और अनंग नाम से भी जाना जाता है। जिसका अर्थ शरीर से रहित होता है। मान्यता है मान्यता है कि कामदेव लोगों के मन में प्रेम की भवनाओं को जगाने का कार्य करते हैं। आइए जानते हैं भगवान शिव ने कामदेव को क्यों भस्म कर दिया था?

पार्वती के विवाह से जड़ा है रहस्य

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार कामदेव को भस्म करने की घटना भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह से जुड़ी हुई है। मान्यता है कि माता पार्वती भगवान शिव से अपना विवाह रचाना चाहती थीं, लेकिन महादेव अपनी तपस्या में लीन थे। जिसकी वजह से उनका ध्यान देवी पार्वती की ओर नहीं गया।

माता पार्वती की कामदेव ने की मदद

जब देवताओं ने देखा कि महादेव ने माता पार्वती की प्रर्थना को स्वीकार नहीं किया, तो उन्होंने कामदेव से प्रार्थना की कि वे भगवान शिव की तपस्या भंग करें। जिससे भगवान शिव का ध्यान माता पार्वती की ओर आकर्षित हो और उनसे विवाह कर सकें। कामदेव ने देवताओं की मदद करने का निश्चय किया।

कामदेव ने चलाया था शिव पर पुष्प बाण

लेकिन माता पार्वती की भगवान शंकर के प्रति निष्ठा और अटूट प्रेम को देखकर कामदेव प्रकट हुए और उन्होंने तपस्या में लीन भगवान शिव पर पुष्प बाण चला दिया। इसके बाद शिव की तपस्या भंग हो गई। महादेव कामदेव की इस हरकरत से नाराज हो गए और अपना तीसरा नेत्र खोल दिया। माना जाता है कि भगवान शिव के क्रोध की अग्नि से कामदेव का शरीर भस्म हो गया। इसलिए कामदेव को अनंग भी कहा जाता है। जिसका अर्थ शरीर रहित होता है।
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