क्या आप जानते हैं कि अगर आपकी कुंडली में ग्रह दोष हैं या कोई ग्रह कमजोर है, तो इनसे बीमार होने की आशंका बढ़ जाती है। ग्रह कोई सा भी हो यदि वह कमजोर है, तो कोई न कोई बीमारी होना तय है। इसलिए अगर कोई व्यक्ति किसी गंभीर बीमारी से पीडि़त है, तो निश्चित ही उसकी कुंडली में कोई ग्रह अशुभ परिणाम दे रहा है या कहें कि कोई ग्रह कमजोर है, इस कारण बीमारी परेशान कर रही है। पत्रिका.कॉम में आज हम आपको दे रहे हैं ऐसे ही कमजोर या अशुभ ग्रहों की जानकारी, जो आपको क्या रोग देते हैं वहीं यह भी कि ग्रह को मजबूत करने के उपाय। प्रयागराज के ज्योतिषाचार्य पं. प्रदीप पांडे से जाने अपने ग्रह की स्थिति, रोग और उसके उपाय…
सूर्य ग्रह
सूर्य ग्रह को सभी ग्रहों का राजा माना जाता है। कुंडली में जितने भी ग्रह हैं, वे सभी सूर्य से ही शक्ति प्राप्त करते हैं। यदि आपकी कुंडली में सूर्य का दोष है तो, सूर्य के अशुभ प्रभाव से आपको कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकतीं हैं। आपको हड्डियों की, आंखों की, दिल की, पेट या पाचन तंत्र की और टीबी जैसे रोग परेशान कर सकते हैं।
कुंडली में सूर्यदेव की मजबूती के लिए रोजाना सूर्य भगवान को जल चढ़ाना चाहिए और तांबे के पात्र से जल पीना चाहिए। ये भी पढ़ें: Vastu Tips for Money : आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं, तो सुधारनी होंगी ये आदतें, ये गलतियां बनाती है कंगाल
चंद्र ग्रह
यदि कुंडली में चंद्र ग्रह कमजोर है तो, चंद्रमा का नियंत्रण व्यक्ति की सोच और मनोदशा पर होता है। इसके दोष के कारण खांसी-जुकाम, मानसिक बीमारी, डिप्रेशन, अनिद्रा घबराहट और बेचैनी आदि बीमारियां घेरे रखती हैं।
उपाय
पूर्णिमा और एकादशी का व्रत रखें। सोमवार के दिन शिवजी की आराधना करें। आप चांदी का छल्ला भी धारण कर सकते हैं।
मंगल ग्रह
मंगल ग्रह का संबंध रक्त से होता है। कुंडली में मंगल के अशुभ होने पर व्यक्ति को हाई ब्लड प्रेशर, बुखार और त्वचा संबंधी बीमारियां होती हैं।
उपाय
मंगल को मजबूत बनाने के लिए मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा-अर्चना करें। मंगलवार का व्रत करें। गुड़ का सेवन करें और लाल वस्त्र या लाल वस्तु का दान भी कर सकते हैं। इससे मंगल मजबूत होता है।
बुध ग्रह
बुध का संबंध व्यक्ति की रोग-प्रतिरोधक क्षमता से होता है। बुध ग्रह के कमजोर होने पर नाक, कान, गले और त्वचा से जुड़ी बीमारियां परेशान करती हैं।
उपाय
बुध ग्रह के दोष को दूर करने के लिए गाय को हरी घास खिलाना चाहिए। हर वक्त अपने साथ कपूर, लौंग और इलाइची रखना चाहिए। तुलसी के पत्तों का सेवन करें। इसके साथ ही गायत्री मंत्र का जाप करें।
गुरु ग्रह
कुंडली में गुरु के कमजोर होने से मोटापा, हेपेटाइटिस, उदर से संबंधित रोग और पेट की गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।
उपाय
गुरुवार के दिन पीले वस्त्र पहनें। प्रात: काल सूर्य को हल्दी मिलाकर जल चढ़ाएं। सोने का छल्ला तर्जनी उंगली में धारण कर सकते हैं। रोजाना विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने की आदत बना लें।
शुक्र
शुक्र ग्रह संपन्नता और वैभव का कारक ग्रह है। इसके अशुभ होने पर यौन संबंधी समस्याएं और हार्मोंस में असंतुलन के कारण बीमारियां हो सकती हैं।
उपाय
शुक्र की मजबूती के लिए शुक्रवार के दिन कन्याओं को सफेद रंग की मिठाई खिलाएं। स्फटिक की माला गले में धारण करें और जितना हो सके सफेद चीजों का सेवन कम से कम कर दें।
शनि
शनि के कमजोर होने से व्यक्ति को शरीर में विभिन्न प्रकार के दर्द और हड्डी की समस्याएं हो सकती हैं। इससे बाल से जुड़ी बीमारियां भी परेशान करती हैं।
उपाय
शनि को मजबूत करने के लिए शनिवार के दिन शनिदेव मंदिर में तेल चढ़ाएं। शनि दोष को दूर करने के लिए प्याज-लहसुन और मांस मदिरा का सेवन बंद कर दें। लोहे का छल्ला बीच वाली उंगली में पहनें। शनिवार की शाम को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए।
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राहु
कुंडली में राहु के दोष होने पर व्यक्ति को याददाश्त संबंधी, पैरों में दर्द, नसों की कमजोरी, पेशाब से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं। ये बीमारियां भविष्य में गंभीर रूप लेकर इन लोगों को परेशान करती हैं।
उपाय
नीले रंग की चीजों प्रयोग करें और अपने आहार को शुद्ध और सात्विक बनाए रखें। गले में तुलसी की माला धारण कर सकते हैं।
केतु
केतु ग्रह से जुड़े दोष बनने पर व्यक्ति को पैरों में दर्द, नसों की कमजोरी, पेशाब, रक्त और त्वचा संबंधी बीमारियां घेर सकती हैं।
उपाय
इन लोगों को बड़े-बुजुर्ग की सेवा करना चाहिए। कुत्ते को मीठी रोटी खिलाएं। खुद को स्वच्छ रखें और जरूरतमंदों को दान करें। आप धार्मिक उपदेशों को जरूर सुनें, इससे भी केतु शांत होता है।