इन तिथियों पर किए जाने वाले स्नान-दान, दीपदान से अक्षय पुण्य और भगवान की कृपा प्राप्त होती है। ज्योतिषाचार्य डॉ.हुकुमचंद जैन ने बताया कि कार्तिक व्रत का 12 वर्ष का संकल्प होता है। इस पूरे महीने में ब्रह्म मुहूर्त में स्नान का विशेष महत्व माना गया है।
इन तिथियों में है पूजन का विशेष महत्व
द्वादशी पूजन : कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वादशी पर भगवान दामोदर और गो-माता का पूजन करना चाहिए। जल से भरे हुए घड़े में सुपारी, स्वर्ण-रजत धातु डालकर दान करने से भगवान प्रसन्न होते हैं।
त्रयोदशी पूजन : इस दिन सुबह उठकर प्रदोष काल में स्नान करना चाहिए। 32 दीपक प्रज्ज्वलित कर भगवान शिव का पंचाक्षर स्त्रोत से अभिषेक और मौन व्रत धारण करने से माता गौरी प्रसन्न होती हैं।