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Kharmas End Date 2025: समाप्ति की ओर खरमास, जानिए कब से शुरू होंगे मंगल कार्य

Kharmas End Date 2025: धार्मिक मान्यता है कि खरमास के दौरान व्यक्ति अपनी आध्यात्मिक उन्नति पर ध्यान केंद्रित कर सकता है। क्योंकि यह समय भगवान शिव और विष्णु जी को समर्पित माना जाता है।

जयपुरJan 10, 2025 / 01:52 pm

Sachin Kumar

Kharmas End Date 2025: हिंदू धर्म में खरमास के माह में शुभ कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण संस्कार आदि कार्य करना निषेध होता है। हिंदू धर्म में खरमास का विशेष महत्व है। यह हर साल तब आता है जब सूर्य धनु और मीन राशि में गोचर करता है। लेकिन अब बहुत जल्द खारमास खत्म होने वाला है। जिसके बाद सभी मांगलिक कार्यों की शुरुआत होगी। आइए जानते हैं।

कब होगा खरमास खत्म (When will the pain end)

ज्योतिष के अनुसार सूर्यदेव 14 जनवरी को धनु से निकलकर मकर राशि में गोचर करेंगे। जिसके बाद खरमास समाप्त हो जाएगा। साल 2025 में 14 जनवरी यानि मकर संक्रांति के दिन खरमास खत्म होगा। 14 जनवरी दिन मंगलवार को मकर संक्रांति का पर्व भी मनाया जाएगा। इसके बाद से शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाएगी।

खरमास का महत्व (Importance of Kharmas)

ज्योतिष और धार्मिक दृष्टि से खरमास का विशेष महत्व है। खरमास के दौरान भगवान विष्णु और सूर्यदेव की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस समय शुभ कार्य न करने का कारण सूर्य की कमजोर स्थिति है। जिससे मांगलिक कार्यों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। यही कारण है कि इस समय केवल पूजा-पाठ, व्रत और ध्यान करने की सलाह दी जाती है।

मकर संक्रांति के साथ शुभ कार्यों की शुरुआत (Auspicious works start with Makar Sankranti)

14 जनवरी 2025 को सूर्यदेव मकर राशि में प्रवेश करेंगे। जिसे मकर संक्रांति त्योहार के रुप में मनाया जाता है। यह पर्व धार्मिक और सामाजिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण और शुभ है। मकर संक्रांति के साथ खरमास समाप्त हो जाएगा और विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, यज्ञोपवीत जैसे सभी मांगलिक कार्य आरंभ हो जाएंगे।

खरमास के दौरान करने वाले कार्य (Things to do during Kharmas)

खरमास में भले ही शुभ कार्य निषेध हों, लेकिन यह समय आत्मशुद्धि और पूजा-अर्चना के लिए उत्तम माना गया है। इस दौरान लोग गंगा स्नान, दान-पुण्य, भगवद् भजन, व्रत और ध्यान करते हैं। गायों को चारा खिलाना, निर्धनों को भोजन कराना और धार्मिक ग्रंथों का पाठ करना भी इस समय शुभ माना जाता है।

क्यों लगता है खरमास (Why does it feel sour)

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य देव के धनु राशि में गोचर करने या सूर्य के समीप होने से गुरु का प्रभाव क्षीण या शून्य हो जाता है। इसके लिए खरमास लगता है। शुभ कार्य को करने के लिए गुरु का उदय होना अनिवार्य है। गुरु का प्रभाव शून्य होने के चलते खरमास के दौरान मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है।
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