1- दीपदान जरूर करें – कार्तिक मास में दीपदान करने से परिवार के सभी सदस्यों के जीवन का अंधकार समाप्त हो जाता हैं । इसलिए इस महीने किसी भी पवित्र नदी या तालाब में सूर्यास्त के समय दीपदान करना ही चाहिए ।
2- तुलसी पूजा अवश्य करें – कार्तिक मास में तुलसी जी की पूजा करने से श्री नारायण की कृपा शीघ्र प्राप्त होने लगती हैं । वैसे तो हर दिन भी तुलसी का सेवन एवं पूजन करना बहुत शुभकारी माना जाता है, लेकिन कार्तिक में तुलसी पूजा का महत्व हजार गुना बढ़ जाता है इससे विष्णुज जी के साथ माता लक्ष्मी भी प्रसन्न हो जाती हैं ।
3- भूमि पर सोना चाहिए – कार्तिक मास में भूमि पर सोने से व्यक्ति के मन में सात्विकता का भाव आता है, और नकारात्मक विचारों का नाश होता है ।
4- तेल न लगाये – ऐसा कहा जाता हैं कि कार्तिक महीने के 30 दिनों में से केवल एक दिन नरक चतुर्दशी (कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की चतुर्दशी तिथि) के दिन ही शरीर पर तेल लगाना चाहिए , अन्य दिनों में तेल लगाना शास्त्रों में वर्जित माना गया है ।
5- इस माह दाले न खाये – कार्तिक मास में उड़द, मूंग, मसूर, चना, मटर, राई आदि नहीं खाना चाहिए । इससे जीवन की प्रगति में रूकावटे आने की संभावना बनी रहती है ।
6- ब्रह्मचर्य का पालन करे – कार्तिक मास में ब्रह्मचर्य का पालन अति आवश्यक बताया गया है, इस व्रत का पालन नहीं करने पर पति-पत्नी एवं संतानों की भी दोष लगने के अलावा अशुभ फल भी प्राप्त मिलते है ।
7- संयम रखें – कार्तिक मास का व्रत करने वाल सभी स्त्री पुरूष कम बोले, किसी की निंदा, अपमान या विवाद न करें, अपने मन पर जितना संयम रखेंगे लाभकारी होगा ।